
Operation Budhapahar: जिले के झारखंड सीमा पर स्थित नक्सलियों के गढ़ कहे जाने वाले बूढ़ा पहाड़ में पहली बार सुरक्षाबलों को कामयाबी मिली है और पुलिस की टीम ने यहां कब्जा कर लिया है। सुरक्षाबलों की टीम ने यहां अस्थाई कैंप स्थापित करते हुए चारों तरफ सर्चिंग अभियान तेज कर दिया है।
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पिछले डेढ़ महीने से चल रहा था ऑपरेशन
Operation Budhapahar: पिछले लगभग डेढ़ महीने से झारखंड पुलिस के साथ मिलकर बलरामपुर पुलिस की टीम नक्सलियों के खिलाफ संयुक्त ऑपरेशन चला रही है और इसी कड़ी में पुलिस को दो बड़ी सफलताएं मिली थी। बूढ़ा पहाड़ में स्थित नक्सलियों के बनकर को पुलिस की टीम ने ध्वस्त किया था, जिसमें भारी मात्रा में चाइनीस हथियार के अलावा नक्सलियों के अन्य चीजें नष्ट किए गए थे। इस ऑपरेशन में पुलिस की टीम ने पहली बार बूढ़ा पहाड़ में कब्जा जमाया है। यहां सीआरपीएफ कोबरा झारखंड पुलिस जिला बल समेत पुलिस की 9 कम्पनियां तैनात हैं और 500 से अधिक जवान मोर्चा संभाले हुए हैं।
सुरक्षाबलों को दी जा रही सुविधाएं
Operation Budhapahar: यहां मौजूद पुलिस जवानों और सुरक्षाबलों के लिए लगातार राहत सामग्री और जरूरत की सामग्री विशेष माध्यमों से पहुंचाई जा रही है और हेलीकॉप्टर के माध्यम से भी इन्हें जरूरत की सामग्री दी गई है। मामले में जिले के एसपी मोहित गर्ग ने कहा, कि पुलिस के लिए अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी है। पुलिस के इस ऑपरेशन में जिला प्रशासन की टीम भी पूरा सहयोग कर रही है। कलेक्टर विजय दयाराम के खुद इस इलाके का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने इस मामले में IBC24 की टीम से बात करते हुए बताया कि बंदरचुआं और भुताही के बाद पुलिस के साथ जिला प्रशासन की टीम चुनचुना पुनदाग तक पहुंच गई है और लगातार इस इलाके में मूलभूत सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।
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Operation Budhapahar: कलेक्टर ने बताया कि नवंबर महीने तक यहां आवागमन के साधन बेहतर हो और लोगों को सारी सुविधाएं मिले इस पर काम किया जा रहा है। उन्होंने ने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ चल रही इस ऑपरेशन में जिला प्रशासन की तरफ से जो भी मदद की आवश्यकता है वह पूरी की जा रही है। 20 सालों में पहली बार नक्सलियों की मांद में पुलिस और सुरक्षा बलों की टीम पहुंची है और उन्होंने अपना झंडा गाड़ दिया है। नक्सलियों के खिलाफ ताबड़तोड़ चल रहे इस ऑपरेशन का नतीजा है कि नक्सली बैकफुट पर आ गए हैं और ऐसे में आने वाले दिनों में यह कहना मुश्किल नहीं कि बलरामपुर जिले से नक्सली पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगे।