आम-नागरिकों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली तिहार हेतु सी-मार्ट में विक्रय के लिए उपलब्ध कराया गेड़ी, कीमत 60 रूपये से 120 रूपये

बिलासपुर, हरेली तिहार के साथ गेड़ी चढ़ने की परंपरा अभिन्न रूप से जुड़ी हुई है। त्यौहार के दिन ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग सभी परिवारों द्वारा गेड़ी का निर्माण किया जाता है, परिवार के बच्चे और युवा गेड़ी का जमकर आनंद लेते हैं। गेड़ी चढ़कर ग्रामीण-जन और कृषक-समाज वर्षा ऋतु का स्वागत करता है। दौरान गांवों में सभी तरफ कीचड़ होता है, लेकिन गेड़ी चढ़कर कहीं भी आसानी से आया-जाया जा सकता है।
गेड़ियां बांस से बनाई जाती है। दो बांस में बराबरी दूरी पर कील लगाई जाती है। एक और बांस के टुकड़ों को बीच से फाड़कर उसे दो भागों में बांटा जाता है, उसे रस्सी से फिर से जोड़कर दो पउवा बनाया जाता है। यह पउवा असल में पैरदान होता है, जिसे लंबाई में पहले काटे गए दो बांसों में लगाई गई कीलों के ऊपर बांध दिया जाता है। गेड़ी पर चलते समय रच-रच की ध्वनि निकलती है, जो वातावरण को और आनंददायक बना देती है।
वही मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप बिलासपुर के स्मार्ट रोड सिंधी कॉलोनी के समीप स्थित सी-मार्ट में इस बार हरेली तिहार के लिए आम-नागरिकों हेतु गेड़ी विक्रय के लिए उपलब्ध कराया गया है। गेड़ी की कीमत 60 रूपये से 120 रूपये निर्धारित की गई है।