रायपुर: मनी लांड्रिंग मामलें में जेल में बंद कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, निलंबित IAS समीर विश्नोई समेत चारों आरोपियों को ED के अधिकारी न्यायालय लेकर पहुंचे हैं। इन आरोपियों की न्यायिक रिमांड की अवधि बुधवार को खत्म हो गई थी। ED ने अदालत से आरोपियों की न्यायिक रिमांड बढ़ाने की मांग की है। वहीं एक आरोपी सुनील अग्रवाल की ओर से अदालत में जमानत की अर्जी लगाई गई है।
प्रवर्तन निदेशालय-ED ने 11 अक्टूबर को प्रदेश के कई जिलों में एक साथ छापा डाला था। इसमें 13 अक्टूबर को चिप्स के तत्कालीन CEO समीर विश्नोई, अधिवक्ता और कारोबारी लक्ष्मीकांत तिवारी और कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया। ED ने इनमें 14 दिन तक पूछताछ की है। उसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इस मामले में आरोपी सूर्यकांत तिवारी ने 29 अक्टूबर को ED की विशेष अदालत में समर्पण कर दिया। उसे वहां से गिरफ्तार कर ED की हिरासत में भेज दिया गया।
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10 नवम्बर को आरोपियों ने मूल एफआईआर पर कर्नाटक हाईकोर्ट के स्टे के आधार पर राहत की मांग की। दो दिनों की सुनवाई के बाद अदालत ने कुछ खास राहत देने से इन्कार कर दिया। उसके बाद सभी चारो आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। बीच में समीर विश्नोई ने जमानत का आवेदन दिया जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। बुधवार को कारोबारी सुनील अग्रवाल की ओर से जमानत की अर्जी लगाई गई है। मामले की सुनवाई जारी है।
दो और अधिकारी हिरासत में
ED ने सोमवार को कई जिलों में फिर से छापे मारे। इस दौरान निशाने पर खनिज विभाग के कार्यालय और कलेक्ट्रेट की खनिज शाखा थी। कई खनिज अधिकारियों से पूछताछ की गई। बताया जा रहा है, एजेंसी ने मंगलवार को बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के खनिज अधिकारी अवधेश बारिक और धमतरी के खनिज निरीक्षक खिलावन भूआर्य को हिरासत में लिया है।
2016 बैच के IAS अधिकारी समीर विश्नोई को ED ने 13 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। न्यायालय में उन्हें पहले आठ दिन और बाद में 6 दिन के लिए ED को रिमांड पर दिया था। यह रिमांड 27 अक्टूबर को पूरी हो रही थी। तब तक सरकार ने विश्नोई को कोई एक्शन नहीं लिया। इस बीच 19 अक्टूबर को एक आदेश जारी कर छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी-चिप्स में रितेश अग्रवाल को अस्थायी तौर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी नियुक्त कर दिया गया। समीर विश्नोई 2009 बैच के IAS अफसर हैं। छत्तीसगढ़ कैडर मिलने के बाद प्रदेश में कई अहम पदों पर रह चुके हैं। IAS समीर विश्नोई कानपुर के रहने वाले हैं। वहीं इनकी स्कूली पढ़ाई हुई। पढ़ाई में ब्रिलियंट रहे हैं। जेईई क्लियर किया और इन्हें IIT कानपुर में दाखिला मिला।
11 अक्टूबर को प्रदेश के कई शहरों में ED के छापों में तिवारी के नाम पर करोड़ों के अवैध-लेन-देन के सबूत मिले थे। इसमें कोयले के खनन, ट्रांसपोर्टिंग सहित और भी मामलों में उगाही के कागज मिले थे। इसमें सभी में तिवारी और उससे जुड़े लोगों का दखल पाया गया था। ED सूर्यकांत तिवारी को भी पकड़ना चाह रही थी, मगर वह इनकी पहुंच से बाहर था। उसके बारे में अफवाह भी चल रही थी कि वह देश से बाहर निकल गया है। कोई उसके मुंबई तो कोई गुजरात में होने का दावा कर रहा था। उस तक ईडी या और कोई पुलिस टीम पहुंच पाती इससे पहले ही वह अदालत में पेश हो गया।
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छापे में मिला था 200 करोड़ का अवैध हिसाब
कोयला कारोबार से जुड़े सूर्यकांत तिवारी के रायपुर व महासमुंद स्थित मकान में आयकर विभाग ने भी जांच पड़ताल की थी। कोरबा के भी कुछ कारोबारियों के ठिकानों पर रेड की कार्रवाई हुई। प्रदेश में हुई इस जांच के बाद आयकर विभाग की तरफ से कहा गया कि जांच में 200 करोड़ रुपये से अधिक कलेक्शन के सबूत मिले थे।
आयकर टीम ने जांच के दौरान 9.5 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित नकदी और लगभग 5 करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किए। कांग्रेस के नेता सूर्यकांत को भाजपा का करीबी और भाजपा वाले उसे कांग्रेसियों का करीबी बताने के लिए तीन दिनों से सोशल मीडिया पर फोटो वार चलाया और अब इस मामले में नए तरह के खुलासे सूर्यकांत ने किए थे।