बड़ी खबरविदेश

सोशल मीडिया विज्ञापन ‘हरित’ दावों से अटे पड़े हैं, कैसे जानें सच्चाई

मेलबर्न: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तथाकथित ‘‘हरित’’ उत्पादों के विज्ञापनों से भरे पड़े हैं। बिजली कंपनियाँ ‘‘कार्बन तटस्थ’’ हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स ‘‘ग्रह के हित के लिए’’ हैं। कपड़े और यात्रा सब पर्यावरण हितैषी है, पर क्या दरअसल ऐसा है? लोगों के फेसबुक फ़ीड में 20,000 से अधिक बार दिखाए गए 8,000 से अधिक विज्ञापनों के हमारे अध्ययन में पाया गया कि कई हरित दावे अस्पष्ट, अर्थहीन या अप्रमाणित हैं और उपभोक्ताओं को संभावित रूप से धोखा दिया जा रहा है।

इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है, क्योंकि हरित होने का दावा करने वाले उत्पाद अक्सर अधिक महंगे होते हैं। और इसकी कीमत ग्रह को चुकानी पड़ती है, क्योंकि झूठे और अतिरंजित हरित दावे – या ‘‘ग्रीनवॉंिशग’’ – से ऐसा प्रतीत होता है कि जलवायु परिवर्तन और अन्य पर्यावरणीय संकटों से जितना नुकसान वास्तव में हो रहा है उससे निपटने के लिए उससे कहीं अधिक किया जा रहा है।

इन दावों के व्यापक उपयोग से जलवायु परिवर्तन से निपटने पर महत्वपूर्ण कार्रवाई में देरी हो सकती है, क्योंकि यह इस मुद्दे पर तात्कालिकता की भावना को कमजोर करता है।

पर्यावरण मित्रता के रंग

हमारा शोध गैर-लाभकारी उपभोक्ता नीति अनुसंधान केंद्र, मेलबर्न लॉ स्कूल के शोधकर्ताओं और आॅस्ट्रेलियाई विज्ञापन वेधशाला, एडीएम+एस (एआरसी सेंटर आॅफ एक्सीलेंस फॉर आॅटोमेटिड डिसिजन मेंिकग एंड सोसायटी) की एक परियोजना द्वारा निर्मित एक नई प्रकाशित रिपोर्ट का हिस्सा है।

विज्ञापन वेधशाला लगभग 2,000 लोगों के व्यक्तिगत फेसबुक फ़ीड से विज्ञापनों को कैप्चर करती है जो ब्राउज़र प्लगइन के माध्यम से प्रोजेक्ट को अपने विज्ञापन ‘‘दान’’ करते हैं। इससे हमें अन्यथा न देखे जाने वाले और अल्पकालिक विज्ञापनों का विश्लेषण करने की सुविधा मिलती है।

हमने पाया कि सबसे आम दावे ‘‘स्वच्छ’’, ‘‘हरित’’ और ‘‘टिकाऊ’’ थे। अन्य लोकप्रिय शब्द ‘‘जैव’’, ‘‘पुनर्नवीनीकरण’’ या ‘‘पुनर्चक्रण योग्य’’, ‘‘शुद्ध’’ और ‘‘पर्यावरण-अनुकूल’’ थे, अक्सर उनके पीछे क्या छिपा है इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं होता। ये सभी बहुत सामान्य, अपरिभाषित शब्द हैं, फिर भी वे पर्यावरण की दृष्टि से अधिक जिम्मेदार विकल्प का संकेत देते हैं।

हमारी रिपोर्ट ने प्रत्येक दावे की पुष्टि नहीं की और न ही उनकी सटीकता का विश्लेषण किया। हमारा इरादा सोशल मीडिया विज्ञापनों में उपभोक्ताओं द्वारा देखे जाने वाले हरित दावों की मात्रा और विस्तार को उजागर करना था।

कई विज्ञापनों ने अपने उत्पादों और व्यवसाय के चारों ओर हरा ‘‘प्रभामंडल’’ बनाने के लिए रंगों और प्रतीकों का उपयोग किया। इनमें हरे, नीले और मटमैले बेज टोन, पृष्ठभूमि प्रकृति चित्रण और पत्तियां, ग्रह पृथ्वी, रीसाइंिक्लग प्रतीक और हरे रंग की टिक वाली इमोजी शामिल हैं, अक्सर बिना किसी संदर्भ या विशिष्ट जानकारी के।

हरित दावे करने वाले शीर्ष पांच क्षेत्र ऊर्जा, घरेलू उत्पाद, फैशन, स्वास्थ्य और व्यक्तिगत देखभाल और यात्रा थे।
यह आॅस्ट्रेलियाई प्रतिस्पर्धा और उपभोक्ता आयोग (एसीसीसी) द्वारा हाल ही में किए गए इंटरनेट स्वीप के अनुरूप था, जिसमें पाया गया कि जांच की गई 57% व्यावसायिक वेबसाइटें संबंधित दावे कर रही थीं। कॉस्मेटिक, कपड़े और जूते, और खाद्य और पेय पैकेंिजग क्षेत्रों में यह अनुपात सबसे अधिक था।

ग्रीनवॉंिशग के लिए मजबूत प्रोत्साहन उपभोक्ता नीति अनुसंधान केंद्र के हालिया शोध से पता चलता है कि आॅस्ट्रेलिया के 45% प्रतिशत लोग हमेशा या अक्सर स्थिरता को अपने क्रय निर्णय लेने के हिस्से के रूप में मानते हैं। कम से कम 50% आस्ट्रेलियाई लोगों का कहना है कि वे हर क्षेत्र में हरित दावे की सत्यता को लेकर ंिचतित हैं।

उपभोक्ता की ंिचता को देखते हुए, व्यवसायियों को अपने व्यवसायों को ‘‘हरित’’ बताने के लिए एक मजबूत प्रोत्साहन मिला है। लेकिन यह उचित से अधिक का दावा करने से जुड़ा है। प्रमुख आॅस्ट्रेलियाई व्यापार नियामक – एसीसीसी और आॅस्ट्रेलियाई प्रतिभूति और निवेश आयोग (एएसआईसी) – दोनों ग्रीनवॉंिशग के खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई को प्राथमिकता दे रहे हैं।

एएसआईसी ने कंपनियों और सुपर फंडों द्वारा भ्रामक पर्यावरणीय खुलासों के खिलाफ दर्जनों हस्तक्षेप जारी किए हैं। एसीसीसी ने व्यवसायों के लिए पर्यावरण और स्थिरता के दावे करते समय ग्रीनवॉंिशग से बचने के तरीके पर मसौदा मार्गदर्शन जारी किया है।

ग्रीनवॉंिशग की सीनेट जांच की रिपोर्ट 2024 के मध्य में आने की उम्मीद है कि क्या उपभोक्ताओं को भ्रामक ग्रीनवॉंिशग से बचाने के लिए सख्त विनियमन आवश्यक है।

वैसे भी ‘टिकाऊ’ क्या है?

हमारा शोध व्यवसायों द्वारा सोशल मीडिया विज्ञापन में किए जाने वाले ढेरों हरित दावों पर प्रकाश डालता है। उपभोक्ताओं को अंकित मूल्य पर दावों को स्वीकार करने या उनके द्वारा खरीदे जाने वाले प्रत्येक उत्पाद और उनके द्वारा किए गए दावों पर गहराई से शोध करने के बीच चयन करने के लिए मजबूर किया जाता है।

ऊर्जा क्षेत्र से कई हरित दावे आते हैं, कुछ ऊर्जा कंपनियाँ बिना किसी विवरण के ‘‘हरित’’ होने का दावा करती हैं। कुछ लोग कार्बन आॅफसेट या कार्बन तटस्थता का दावा करते हैं। ‘‘टिकाऊ’’ यात्रा के विज्ञापनों में अक्सर गंतव्यों को प्रकृति के साथ संबंध पर जोर देते हुए दिखाया जाता है, लेकिन यह नहीं बताया जाता है कि यात्रा का कौन सा पहलू टिकाऊ है।

एक व्यक्तिगत देखभाल ब्रांड ने अपनी ‘‘टिकाऊ’’ पैकेंिजग का भारी विज्ञापन किया, लेकिन बारीक ंिप्रट में यह केवल उन बक्सों के बारे में था, जिनमें उनके उत्पाद भेजे जाते हैं, वास्तविक उत्पाद पैकेंिजग से नहीं। इस तरह का दावा संपूर्ण उत्पाद श्रृंखला में एक अवांछनीय हरित आभास बना सकता है।

यह दावा कि उत्पाद बायोडिग्रेडेबल, कंपोस्टेबल या रिसाइक्लेबल हैं, विशेष रूप से समस्याग्रस्त हो सकते हैं, क्योंकि यह अक्सर तकनीकी रूप से सच है लेकिन व्यावहारिक रूप से कठिन है। बायोडिग्रेडेबल लेबल वाले कुछ उत्पादों को एक विशिष्ट सुविधा में ले जाने की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन एक उपभोक्ता यह मान सकता है कि वे उसे अपने घर के खाद बिन में बायोडिग्रेड करेंगे।

हम क्या कर सकते हैं?

आस्ट्रेलियाई लोग संभावित रूप से भ्रामक हरित दावों के खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई के लिए वर्षों तक इंतजार नहीं कर सकते। अर्थव्यवस्था और डिजिटल दुनिया बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है और स्थिरता की आवश्यकता बहुत जरूरी है। सरकारों को अब यह सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाना चाहिए कि हरित शर्तें स्पष्ट रूप से परिभाषित हों और सच्चाई पर आधारित हों।

यूरोपीय संघ वर्तमान में ‘‘हरित दावे’’ निर्देश पर काम कर रहा है जो ‘‘पर्यावरण-अनुकूल’’, ‘‘हरित’’, ‘‘कार्बन सकारात्मक’’ और ‘‘ऊर्जा कुशल’’ जैसे सामान्य दावों पर प्रतिबंध लगाना चाहता है। दावे विशिष्ट, सार्थक और स्वतंत्र रूप से सत्यापित उत्कृष्ट पर्यावरणीय प्रदर्शन पर आधारित होने चाहिए।

यूनाइटेड ंिकगडम ने पहले ही पर्यावरण दावा संहिता के माध्यम से इसी तरह का मार्गदर्शन जारी कर दिया है और सख्त कानून पर भी विचार कर रहा है। आॅस्ट्रेलियाई नियामकों के पास उन हरित शब्दों को ब्लैकलिस्ट करने की शक्ति होनी चाहिए जिनकी पुष्टि नहीं की जा सकती और जो स्वाभाविक रूप से अर्थहीन या भ्रामक हैं।

जैसा कि यूरोपीय संघ विचार कर रहा है, कुछ उच्च प्रदूषण वाले क्षेत्रों को उनके व्यवसाय मॉडल और प्रथाओं के अत्यधिक नकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव के कारण विज्ञापन में किसी भी प्रकार के हरित दावे करने से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, जीवाश्म-ईंधन कंपनियों को विपणन में हरित दावों का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। आॅस्ट्रेलियाई उपभोक्ता हरित विकल्पों के हकदार हैं जो स्पष्ट, तुलनीय, सार्थक और सत्य हों।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button