राहुल साहू जिसे छत्तीसगढ़ भूल नहीं सकता 10 जून को राहुल घर के पीछे बोरवेल के 80 फीट गहरे गड्ढे में गिर गया था. सेना, एनडीआरएफ एसडीआरएफ एसईसीएल जिला और पुलिस प्रशासन के 500 लोगों ने 104 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन कर उसे बोरवेल के गड्ढे से निकाला था. इस रेस्क्यू ऑपरेशन की सबसे खास बात यह थी.(Why is Rahul Sahu)
कि राहुल साहब मूक बधिर था मानसिक रूप से कमजोर था इस वजह से रेस्क्यू टीम को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा काफी सावधानी से इस रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया गया राहुल को 5वें दिन 15 जून को बोरवेल से निकाला गया और उसे बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
देशभर की निगाहें राहुल के स्वास्थ्य को लेकर लगी हुई थी, लोक राम साहू की पल-पल की खबर जानने के लिए बेचैन थे व परेशान थे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद इस ऑपरेशन की पल-पल की जानकारी ले रहे थे. कल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देश के सबसे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन से सुरक्षित निकाले गए नन्हे राहुल के गांव पिहरीद में घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की. मुख्यमंत्री ने परिजनों से चर्चा से पहले उस बोर स्थल का भी निरीक्षण किया जहां राहुल को बचाने के लिए बड़ा गढ्ढा खोदा गया था.
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निरीक्षण के दौरान विधायक रामकुमार यादव भी उपस्थित रहे.राहुल के पिता राम कुमार यादव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बताया कि राहुल अभी रायपुर में रहकर पढ़ाई कर रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री का शॉल और श्री-फल भेंट कर स्वागत किया और राहुल को बचाने में मदद के लिए धन्यवाद दिया. मुलाकात के दौरान राहुल की माता गीता देवी ने भी मुख्यमंत्री से बातकर उनका आभार जताया. और यह सब लोगों की प्रातः का असर है कि राहुल सर एक खुशहाल जिंदगी जी रहे स्कूल में पढ़ाई कर रहे और अपने भविष्य एक सुनहरे भविष्य की ओर आगे बढ़ रहे.(Why is Rahul Sahu)