प्रतापपुर – सुरजपुर से आए हाथियों के झुंड द्वारा जिले के प्रतापपुर तहसील अंतर्गत सीमावर्ती गांव में फसल और घरों को नुकसान पिछले पांच दिनों से पहुंचाया जा रहा है। कई हाथियों का समूह अभी भी गांव के समीप जंगल में ठहरे हुए हैं।
सोमवार को जिले का प्रशासनिक अमला प्रभावित गांव का दौरा किया और हाथियों द्वारा किए गए नुकसान का जायजा लिया तथा इन इलाके में विकास से जुड़े कार्य कराए जाने के निर्देश दिए गए। जिला कलेक्टर इफफत आरा , डीएफओ, संजय यादव एसडीएम, दिपिका नेताम तहसीलदार सहित अन्य विभागों के अधिकारी इस दौरान मौजूद थे.
कलेक्टर इफफत आरा मकनपुर पहुंचकर ग्रामीणो से उनकी समस्याओं को सुनकर तत्काल निराकरण करने का आश्वासन दिया इसके पश्चात कलेक्टर पूरे प्रशासनिक अमले के साथ कलेक्टर ने प्रभावित लोगों से बातचीत कर प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि इनकी सुरक्षा से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नही होना चाहिए.
कलेक्टर के सामने वन विभाग ग्रामीणों ने जताई नाराजगी
हाथी प्रभावित क्षेत्र के दौरे के दौरान ग्रामीणों ने कलेक्टर के सामने वन विभाग की लापरवाही को लेकर नाराजगी व्यक्त की ग्रामीणों ने कहा कि समूचा संसाधन होने के बाद भी वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हैं जिसके वजह से 10-15 दिनों में प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में तीन लोगों की मौत हो चुकी है इस पर कलेक्टर ने विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों को फटकार लगाते हुए समस्याओं को समाधान करने की बात कही
वन विभाग के सायरन प्रयोग फेल
आपको बता दें की जिले के हाथी प्रभावित क्षेत्र प्रतापपुर में वन विभाग के द्वारा गांव में सायरन लगाया गया है , जिसमें यह बताया गया था की इस सायरन के जरिए ग्रामीणों को क्षेत्र में हाथियों का होने की सूचना मिलेगी , जो एक एप्लिकेशन के जरिए बीट के कर्मचारी के मोबाईल से कनेक्ट है , लेकिन इस हादसे के बाद यह प्रयोग वन विभाग का असफल होता नजर आ रहा है और ना ही वन विभाग के द्वारा समय समय पर हाथियों के आने की खबर ग्रामीणों को दी जाती है । जिसके चलते ग्रामीणो को नही मिलपाती है हाथियों के आने की खबर जिसके चलते आएदिन ऐसी बड़ी घटना घट रही है.
ग्रामीणों का आरोप वन विभाग नही
कराता मुनादी.
प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में हो रही लगातार मौत को देखते हुवे अब वन विभाग पे लगातार सवाल खड़े होने लगे हैं ग्रामणो का आरोप है कि वन विभाग के द्वारा कभी मुनादी नही कराई जाती है जिसके चलते लगातार हाथियों से इंसानों के मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है