अब वोडाफोन आइडिया के यूजर्स की बढ़ेंगी मुश्किलें, कंपनी ने नहीं चुकाया कर्ज तो नहीं मिलेगा नेटवर्क
अगर आप वोडाफोन आइडिया के ग्राहक हैं तो नवंबर से आपको कनेक्टिविटी को लेकर कई तरह की मुश्किलें खड़ी हो सकती है.दरअसल टावर सेवाएं देने वाली कंपनी इंडस टावर ने कड़े शब्दों में वोडाफोन आइडिया को चेतावनी दी है कि अगर कंपनी ने उसके बकाया बिल का जल्द भुगतान नहीं किया तो वो नवंबर से उनके टावर का इस्तेमाल करने से रोक सकता है. अगर ऐसा होता है तो वोडाफोन आइडिया के ग्राहकों को नवंबर से कनेक्टिविटी नहीं मिल पाएगी, यानि मोबाइल कॉल से लेकर इंटरनेट तक की सेवाओं का वो इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. फिलहाल वोडाफोन पर टावर कंपनियों का 10 हजार करोड़ रुपये का बकाया है जिसमें से इंडस टावर का हिस्सा 7 हजार करोड़ रुपये का है.(users will face difficulties)
इंडस टावर ने बकाया चुकाने के लिए तय की समयसीमा
ईटी ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि इंडस टावर ने कड़े शब्दों में वोडाफोन आइडिया से बकाया चुकाने को कहा है. दरअसल कंपनी की बोर्ड बैठक में बढ़ते हुए बकाया पर चिंता जताई गई थी और पता चला था कि इसमें सबसे बड़ा हिस्सा वोडाफोन आइडिया का है. जिसके बाद इंडस टावर ने वोडाफोन आइडिया को अक्टूबर तक पूरा बकाया चुकाने को कहा है. जून तिमाही नतीजों में इंडस टावर का मुनाफा 66 प्रतिशत की गिरावट के साथ 477 करोड़ रुपये पर आ गया. वहीं कंपनी के मुताबिक उसे इस अवधि में करीब 6200 करोड़ रुपये मिलने थे लेकिन वो प्राप्त नहीं हुए जिससे उसका मुनाफा लुढ़का है. बढ़ते बकाये की वजह से इंडस टावर को 1200 करोड़ रुपये के प्रोविजन करने पड़े हैं जिससे कंपनी पर दबाव बढ़ गया है.
वोडाफोन की हालत हुई पतली
जून तिमाही में वोडाफोन को कारोबारी गतिविधियों से जुड़े भुगतान बढ़ कर करीब 15 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गए हैं. इसमें टावर फर्म्स को भुगतान, वेंडर और दूसरे सप्लायर्स को भुगतान शामिल हैं. कंपनी फिलहाल कर्ज और इक्विटी के जरिए 20 हजार करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश कर रही है लेकिन अभी तक वो इसमें सफल नहीं हुई है. जून के अंत तक वोडाफोन आइडिया पर कुल कर्ज 1.98 लाख करोड़ रुपये था. जिसमें से स्पेक्ट्रम से जुड़ा 1.16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज भी है.(users will face difficulties)
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वोडाफोन की हालत हुई पतली
जून तिमाही में वोडाफोन को कारोबारी गतिविधियों से जुड़े भुगतान बढ़ कर करीब 15 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गए हैं. इसमें टावर फर्म्स को भुगतान, वेंडर और दूसरे सप्लायर्स को भुगतान शामिल हैं. कंपनी फिलहाल कर्ज और इक्विटी के जरिए 20 हजार करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश कर रही है लेकिन अभी तक वो इसमें सफल नहीं हुई है. जून के अंत तक वोडाफोन आइडिया पर कुल कर्ज 1.98 लाख करोड़ रुपये था. जिसमें से स्पेक्ट्रम से जुड़ा 1.16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज भी है. अगर इंडस टावर वोडाफोन की सेवाओं को रोक देता है तो इससे नवंबर के बाद देश के कई हिस्सों में वोडाफोन की सेवाओं पर गंभीर असर देखने को मिलेगा.