जामा मस्जिद प्रतापपुर के निर्णय-डीजे बजा और नाच-गाना हुआ तो इमाम नहीं पढ़ाएंगे निकाह

प्रतापपुर में अंजुमन कमेटी गुलशने सेराजिया जामा मस्जिद के निर्णय का समाज के सभी लोगों ने किया स्वागत
समाज के जिम्मेदारों ने कहा- डीजे से होती है परेशानी इसलिए लिया निर्णय
समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने जामा मस्जिद के अंजुमन कमेटी आगे आई है।
निकाह में डीजे और नाच-गाना को रोकने के लिए कमेटी ने निर्णय लिया है। समाज का जो भी व्यक्ति इस निर्णय को नहीं मानेगा और निकाह में डीजे, नाच-गाना करेगा तो जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती निकाह नहीं पढ़ाएंगे.(Jama Masjid Pratappur)
इस तरह से शहर में मुस्लिम समाज ने शादी समारोह में डीजे बजाने और शोर शराबे पर प्रतिबंध लगा दिया है। निर्णय में सरकारी आदेशों का भी हवाला दिया गया है, जिनमें समय-समय पर शोर-शराबे को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है.
बता दें कि अंजुमन कमेटी जामा मस्जिद प्रतापपुर के सदर हसमत खान और सेक्रेटरी सलाहुद्दीन खान और इमाम मुफ्ती हामिद शफाकी ने यह फैसले किए हैं कि जिस निकाह में नाच-गाना, डीजे होगा जामा मस्जिद के इमाम वहां निकाह पढ़ाने नहीं जाएंगे.
इसमें कमेटी का कहना है कि अल्लाह की रस्सी को मजबूती से पकड़ने और प्यारे नबी के तरीकों को अपनाते हुए समाज में फैली बुराइयों को दूर करने के लिए धर्मगुरुओं और नौजवानों को आगे आना होगा.
कमेटी के इस निर्णय से निकाह उत्सव में डीजे, नाच गाना और शराब पीने वालों पर रोक लगेगी। ऐसा करने वालों को इमाम निकाह नहीं पढ़ाएंगे। इस दौरान सभी की सहमति से डीजे पर पाबंदी लगाई गई है।लोग बोले- डीजे पर बहुत पहले लग जानी थी पाबंदी, इससे शांति भंग होती है.
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इस्लाम में शोर-शराबे और नाच-गाने की इजाजत नहीं: इमाम -मुफ्ती हामिद शफाकी
बता दें कि इस फरमान पर पर सैकड़ों लोगों की सहमति ली गई है, जिसके बाद यह ऐलान किया गया। जामा मस्जिद के इमाम हामिद शफाकी ने डीजे को गलत बताते हुए कहा की इस्लाम धर्म में शोर-शराबे और नाच-गाने की इजाजत नहीं है। फिर भी कान फोड़ने वाली आवाज में शादियों के दौरान डीजे बजाया जाता है और बैंड पर नाच-गाना होता है, इससे ध्वनि प्रदूषण भी होता है। इसलिए बैठक ने यह निर्णय लिया की इस पर रोक लगाई जाए.(Jama Masjid Pratappur)