Inflation Hike: देश में लगातार महंगाई डायन का कहर जारी है. खुदरा महंगाई दर (Reatil Inflation Rate) पहले ही 8 साल के सबसे हाई लेवल पर बनी हुई है. इसी दौरान थोक महंगाई (Wholesale Inflation) ने भी नया रिकॉर्ड बनाते हुए 15 फीसदी के पार निकल गई है. साल 1998 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब थोक महंगाई की दर 15 फीसदी के पार निकली है.(Wholesale Inflation Hike)
कितनी बढ़ी थोक महंगाई (Wholesale Inflation)
अप्रैल 2022 में थोक महंगाई की दर बढ़कर 15.08 फीसदी पर पहुंच गई. साल भर पहले थोक महंगाई की दर 10.74 फीसदी रही थी. एक महीने पहले यानी मार्च 2022 में इसकी दर 14.55 फीसदी रही थी. यह लगातार 13वां ऐसा महीना है, जब थोक महंगाई की दर 10 फीसदी से ज्यादा रही है.
क्यों बढ़ रही महंगाई (Inflation Hike)
देश में आम बजट के बाद, मार्च और अप्रैल के महीने में तेजी से महंगाई बढ़ने के दो प्रमुख कारण रहे हैं. पहला सबसे बड़ा कारण Russia-Ukrain War है. जिसकी वजह से दुनिया के कई देशों ने निर्यात को प्रतिबंधित किया है. शेयर बाजार में गिरावट आई है. साथ ही क्रूड ऑयल की कीमतें भी आसमान पर हैं. इंडोनेशिया द्वारा क्रूड पाम ऑयल के इंपोर्ट को बैन करने के बाद, भारत में कुकिंग ऑयल की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं.
दूसरा सबसे बड़ा कारण घरेलू स्तर पर Petrol-Diesel की कीमतें रही हैं. 22 मार्च के बाद से ही देश में तेल की कीमतें बढ़ना शुरू हुई हैं. जिस वजह से ट्रांसपोर्टेशन और माल ढुलाई की लागतों में बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा देश के कई हिस्सों में मौसमी फसलों की कम उपज, और डॉलर के मुकाबले कमजोर होते रूपये की वजह से भी महंगाई बढ़ने के आसार हैं.
हालांकि भले ही मार्च और अप्रैल में बढ़ी महंगाई के पीछे, रशिया यूक्रेन युद्ध और पेट्रोल-डीजल की कीमतें बड़ी वजह बताए जा रही हों. लेकिन रशिया-यूक्रेन युद्ध से पहले भी महंगाई आसमान पर थी. अक्टूबर 2021 में थोक महंगाई दर 13.83 फीसदी की रही थी. जो कि नवंबर में बढ़कर 14.87 फीसदी पर पहुंच गई थी. पिछले साल के आंकड़े तो यही बयान करते हैं कि, महंगाई को रोकने में कहीं ना कहीं सरकार विफल भी रही है.(Wholesale Inflation Hike)
क्या होगा आम आदमी पर असर
थोक महंगाई बढ़ने का सबसे बुरा असर आम आदमी पर देखने को मिलता है. थोक महंगाई दर में वृद्धि से खाने-पीने का सामन, कुकिंग ऑयल और दूसरी रोजमर्रा की वस्तुएं महंगी हो जाएंगी. एक रिपोर्ट के मुताबिक, सब्जियों, गेहूं, फल और आलू की कीमतें अप्रैल में सालाना आधार पर तेजी से बढ़ी जिसके चलते खाने के सामान की महंगाई दर 8.35% रही. तेल और बिजली की बात करें तो इसमें 38.66% की महंगाई जबकि मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई दर 10.85 और तिलहनों की 16.10% रही. इसके अलावा आगामी जून में RBI महंगाई को रोकने के मद्देनजर, एक बार फिर से रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकती है. जिससे आम आदमी के लिए लोन चुकाना भी महंगा हो जाएगा.
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