
लखनऊः ऑफिस में कुर्सी तोड़ रहे सरकारी कर्मचारियों की जल्द ही सामत आने वाली है। जी हां प्रदेश सरकार ने अब 50 से अधिक उम्र के कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट देने की पूरी तैयारी कर ली है और 31 जुलाई तक फैसला करना अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं, 15 अगस्त तक स्क्रीनिंग कमेटी को फैसला करते कार्मिक विभाग को देनी होगी। विभागाध्यक्षों को इस संबंध में निर्देश दे दिया है.
मिली जानकारी के अनुसार स्क्रीनिंग कमेटी 31 मार्च 2022 को 50 साल की आयु पूरी करने वालों के नामों पर विचार करेगी। यह आयु पूरी करने वाले किसी सरकारी सेवक के मामले में स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष प्रस्ताव रखकर यदि उसे सेवा में बनाए रखने का फैसला एक बार कर लिया जाता है, तो स्क्रीनिंग कमेटी के सामने उसके नाम को फिर से रखने की जरूरत नहीं है.
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नियुक्ति प्राधिकारी के समक्ष ऐसे कर्मी के मामलों में यदि कोई महत्वपूर्ण तथ्य आता है तो किसी भी समय उसे जनहित में अनिवार्य सेवानिवृत्त करने का फैसला किया जा सकेगा या फिर मामला अनुवर्ती स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष रखने का फैसला हो सकता है.(Will Give Forceful Retirement)
बताया जा रहा है कि सरकार के इस आदेश से वे कर्मचारी बिल्कुल प्रभावित नहीं होंगे जो जिस पद पर हैं उसके लिए उपयोगी हैं। जिनका प्रदर्शन बेहतर है और जो अपने काम को पूरी निष्ठा से कर रहे हैं। जिन कर्मचारियों पर कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं और जिस कर्मचारी पर कोई जांच न हो रही हो, ऐसे कर्मचारी समय पर ही रिटायर होंगे। किसी कर्मचारी को रिटायर करने से पहले स्क्रीनिंग कमेटी इन सभी पहलुओं पर गहनता से विचार करके निर्णय लेगी.(Will Give Forceful Retirement)