RAIPUR BREKING: छत्तीसगढ़ विद्युत शुल्क-संशोधन अधिनियम के प्रभावी होने की वजह से बढ़ेगी बिजली की कीमत
consumers will be affected छत्तीसगढ़ में बिजली और महंगी होने जा रही है। ऐसा छत्तीसगढ़ विद्युत शुल्क-संशोधन अधिनियम के प्रभावी होने की वजह से होगा। सरकार ने इस कानून में ऊर्जा शुल्क बढ़ाने की व्यवस्था की है। राज्यपाल अनुसुईया उइके इसपर हस्ताक्षर कर दिए हैं। अब इसे छत्तीसगढ़ के असाधारण राजपत्र में प्रकाशित किया जाएगा। इसके राजपत्र में छपते ही घरेलू उपभोक्ताओं के मासिक बिजली बिल में कम से कम 12.36 रुपए की बढ़ोतरी हो जाएगी।
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consumers will be affected राज्यपाल ने जिस विधेयक पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किए उसे छत्तीसगढ़ की विधानसभा ने मानसून सत्र के दौरान पारित किया था। इस कानून के जरिए ऊर्जा शुल्क में 3% से 7% तक की वृद्धि की गई है। घरेलू कनेक्शन पर प्रति यूनिट एनर्जी चार्ज 8% से बढ़ाकर 11% कर दिया गया है। वहीं गैर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए एनर्जी चार्ज 12% से बढ़ाकर 17% किया गया है। वहीं सीमेंट उद्योगों की कैप्टिव माइंस के लिए यह 15% से बढ़ाकर 21% करने की व्यवस्था की गई है। गैर सीमेंट खदानों में यह चार्ज 56% तक तय हुआ है। राज्य के निजी व सार्वजनिक कम्पनियों आदि इकाईयों के लिए भी ऊर्जा प्रभारों के प्रतिशत में शुल्क की दरें बढ़ाई गयी हैं।
उपभोक्ताओं पर ऐसा असर पड़ेगा
consumers will be affected बिजली कंपनी का मौजूदा टैरिफ तीन हिस्सो में बटा हुआ है। यह 0 से 100 यूनिट, 101 से 400 यूनिट और 401 यूनिट अथवा उससे अधिक की खपत पर आधारित है। इसमें सबसे कम 0 से 100 यूनिट तक का बिल है। इसमें अभी कंपनी 3.70 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिल वसूलती है। इसमें ऊर्जा चार्ज 8% की दर से 32.96 रुपए जुड़ता है। अब इस चार्ज के 11% हो जाने के बाद इस बिल में 45.32 रुपए जुड़ेगा। यानी 100 यूनिट तक की खपत पर 12.36 रुपए अधिक देना होगा।
सरकार कह रही है, 10 साल में बढ़ाना ही पड़ता है
consumers will be affected सरकार का कहना है, ऊर्जा प्रभार में यह बढोतरी लगभग अनिवार्य सी थी। विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था, छत्तीसगढ़ विद्युत शुल्क अधिनियम को 1996-97 में बनाया गया था। वर्ष 2012-13 में इसका अनुपातीकरण हुआ। अब 10 साल बाद उसको फिर से अनुपातीकरण की जरूरत थी। इस विधेयक के जरिए वह किया गया है। इससे उपभोक्ता के बिजली बिल में मामूली वृद्धि होगी।
पिछले महीने VCA चार्ज बढ़ा था
consumers will be affected छत्तीसगढ़ में पिछले महीने ही बिजली 30 पैसे प्रति यूनिट तक महंगी हो गई थी। इसकी वजह VCA-वेरिेएबल कास्ट एडजस्टमेंट चार्ज में वृद्धि थी। इसके तहत बिजली कंपनी कोयले की कीमत में कमी अथवा वृद्धि होने की स्थिति में अपनी दरों को विनियमित करती है। तब कहा गया, ऐसा विदेशों से आने वाले कोयले से बनी बिजली खरीदने की वजह से हुआ है। राज्य सरकार की कंपनी NTPC से जो बिजली खरीद रही है, उसके एवज में हर महीने 120 करोड़ रुपए अधिक देने पड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था, तीन-चार हजार रुपए प्रति टन की जगह अगर विदेशों से 15 से 18 हजार रुपए टन का कोयला आएगा तो उत्पादन महंगा होगा ही। उन्होंने कहा था, इस महंगे कोयले का अभी पूरा इफेक्ट आना बाकी है।
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