नयी दिल्ली: शेयरधारकों ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के निदेशक मंडल में आकाश अंबानी, ईशा अंबानी और अनंत अंबानी को शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस कदम का मकसद भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी में उत्तराधिकार योजना को गति प्रदान करना।
कंपनी ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि 32 वर्षीय जुड़वां ईशा और आकाश को रिलायंस के बोर्ड में नियुक्त होने के लिए 98 प्रतिशत से अधिक वोट मिले, जबकि 28 वर्षीय अनंत को 92.75 प्रतिशत वोट मिले।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी (66) ने अगस्त में कंपनी की वार्षिक शेयरधारकों की बैठक में घोषणा की थी कि उनके तीन बच्चों आकाश, ईशा और अनंत को रिलायंस के निदेशक मंडल (बीओडी) में शामिल किया जाएगा।
उन्होंने कहा था कि वह ‘‘अगली पीढ़ी’’ को तैयार करने और सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए अगले पांच वर्षों तक कंपनी के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बने रहेंगे। इसके बाद रिलायंस ने कंपनी के निदेशक मंडल के रूप में उनकी नियुक्ति के लिए शेयरधारकों को एक डाक मतपत्र भेजा। शेयरधारकों के वोट के परिणाम की घोषणा शुक्रवार को कंपनी ने की।
शेयर बाजार को दी जानकारी के अनुसार ईशा की नियुक्ति के पक्ष में 98.21 प्रतिशत और उसके खिलाफ 1.78 प्रतिशत वोट पड़े। आकाश की नियुक्ति के पक्ष में 98.05 प्रतिशत और खिलाफ 1.94 प्रतिशत वोट आए। अनंत के पक्ष में 92.75 प्रतिशत, जबकि 41.58 करोड़ यानी 7.24 प्रतिशत ने उनकी नियुक्ति के खिलाफ मतदान किया।
अंतरराष्ट्रीय प्रॉक्सी सलाहकार कंपनी इंस्टीट्यूशनल शेयरहोल्डर र्सिवसेज इंक (आईएसएस) ने सिफारिश की थी कि शेयरधारक रिलायंस के निदेशक मंडल में अंबानी के सबसे छोटे बेटे अनंत को नियुक्त करने के प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करें। अनंत के कम अनुभव का हवाला देते हुए उन्होंने यह अपील की थी।
आईएसएस की तरह मुंबई स्थित इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर एडवाइजरी र्सिवस (आईआईएएस) ने भी कहा था कि, ‘‘28 साल की उम्र में’’ अनंत की नियुक्ति ‘‘हमारे मतदान दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं है।’’ आईआईएएस ने ईशा और आकाश की नियुक्ति के प्रस्ताव का समर्थन किया। एक अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रॉक्सी कंपनी ग्लास लुईस ने अनंत की नियुक्ति के पक्ष में मतदान किया।
निदेशक मंडल की नियुक्तियां अनिल अंबानी के उत्तराधिकारी का चयन करने की योजना का हिस्सा है। अनिल अंबानी को 1977 में 20 साल की उम्र में रिलायंस के निदेशक मंडल में शामिल किया गया था। 2002 में उनके पिता के निधन के बाद उन्हें अपने भाई से टकराव का सामना भी करना पड़ा था, क्योंकि उनके पिता ने कोई वसीयत नहीं बनाई थी।