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कपासदा गांव में संकट का साया: आंखों में जलन, सांसों में धुआं, जिम्मेदार कौन?

रायपुर: राजधानी से लगे धरसींवा ब्लॉक की ग्राम पंचायत कपासदा इन दिनों गंभीर संकट से जूझ रही है। गांव के लोगों की आंखों में जलन, आंसू, त्वचा में खुजली, और कई तरह की बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि इन सबका मुख्य कारण है फॉर्चून टीएमटी स्टील कंपनी, जिसने गांव को प्रदूषण, बीमारी और भय की सौगात दी है।

पानी से बीमारी, हवा से खौफ

गांव वालों का कहना है कि कंपनी के प्रदूषण ने उनके पीने का पानी तक जहरीला बना दिया है। धुएं की वजह से बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की आंखें जल रही हैं। गांव में दिन हो या रात, धुएं की चादर सी छाई रहती है। एक बुजुर्ग कहते हैं, “रात में नींद नहीं आती, कानों में मशीनों की तेज आवाज गूंजती रहती है, आंखें जलती हैं, सांस लेना मुश्किल हो गया है।”

कर्मचारी भी परेशान, पर लाचार

कंपनी में काम कर रहे कुछ मजदूरों ने भी नाम न छापने की शर्त पर अपनी पीड़ा साझा की। उनका कहना है कि उन्हें न हेलमेट, न सुरक्षा जूते, न कोई सेफ्टी किट दी जाती है। अगर दी भी जाती है तो उसकी लागत मजदूरों की तनख्वाह से काट ली जाती है।

एक कर्मचारी ने कहा, “हम झारखंड और बिहार से आए हुए लोग हैं, ज्यादा बोलने से नौकरी चली जाएगी, इसीलिए चुप रहते हैं।” कंपनी के अंदर गंदगी की भरमार है। आरजे न्यूज़ की टीम जब कंपनी परिसर में पहुंची, तो वहां साफ-सफाई की बेहद खराब स्थिति देखी गई।

गांव वालों की अनसुनी आवाज

ग्राम कपासदा के लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। एक ग्रामीण ने कहा, “कंपनी में अगर किसी की मौत हो जाए, तब भी कंपनी के गेट नहीं खुलते। मुआवजा मांगने पर लोग महीनों भटकते हैं। लेकिन कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं होती।

क्या कहते हैं युवा?

गांव के पढ़े-लिखे युवाओं का कहना है कि प्रदूषण और बेरोजगारी ने उन्हें उजड़ने पर मजबूर कर दिया है। “ना कंपनी में नौकरी मिलती है, और गांव की हालत देखकर कोई बाहर से नौकरी देने भी नहीं आता,” एक स्नातक युवक ने कहा।

प्रशासन और शासन चुप क्यों?

प्रश्न ये उठता है कि जब गांव की हवा, पानी और स्वास्थ्य सभी कुछ प्रभावित हो रहे हैं, तो प्रशासन, जनप्रतिनिधि और पर्यावरण विभाग की चुप्पी क्यों? क्या केवल उद्योगों की मुनाफाखोरी के लिए एक पूरे गांव की बलि दी जा रही है?

आरजे न्यूज़ इस मामले में शासन-प्रशासन से तत्काल संज्ञान लेकर जांच और कार्रवाई की मांग करता है, ताकि ग्राम कपासदा को इस प्रदूषण के कहर से बचाया जा सके।

कंपनी की प्रतिक्रिया?

जब आरजे न्यूज़ की टीम ने फॉर्चून टीएमटी कंपनी के अधिकारियों से संपर्क किया, तो कंपनी की ओर से कोई भी उच्च अधिकारी मीडिया से बात करने सामने नहीं आया। एक अधिकारी ने सिर्फ इतना कहा, “मैं मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं हूं, हमारे सीईओ के पास समय नहीं है।

जब उनसे गांव में फैलते प्रदूषण, गंदगी और स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर सवाल किया गया, तो वे टालते नजर आए। अधिकारी ने कहा, “मैं पूरे गांव को खुश नहीं कर सकता, और न ही सभी को रोजगार दे सकता हूं। हां, कभी-कभी किसी शादी-ब्याह में कुछ भेज देता हूं।” लेकिन जब बात गंदगी, पानी की गुणवत्ता या सुरक्षा उपायों पर आई, तो कंपनी के प्रतिनिधि मुंह छुपाते नजर आए।

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