खैरागढ़: जिले की सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. खैरागढ़ के अंतिम छोर पर स्थित गांव मूढ़ीपार के स्कूली विद्यार्थी आज अपनी पढ़ाई छोड़कर जिला मुख्यालय पहुंच गए. उनके कलेक्ट्रेट पहुंचने की वजह थी स्कूल की साइंस टीचर दामिनी सिंह का बच्चों के साथ दुर्व्यवहार और धमकियां.
केवल 10 से 12 ही दिन पढ़ाने आई साइंस टीचर
मूढ़ीपार हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्रों का कहना है कि दामिनी सिंह जीव विज्ञान की पढ़ाई करवाने के लिए जिम्मेदार हैं, लेकिन वह विद्यालय आती ही नहीं. इस नए शिक्षा सत्र में वह केवल दस-बारह दिन ही स्कूल पहुंची हैं. स्कूल आने पर भी, वह बच्चों को डांटती हैं और प्रायोगिक परीक्षा में फेल करने की धमकी देती हैं, ऐसा आरोप छात्रों द्वारा लगाया गया है.
स्कूल के 12वीं कक्षा की एक छात्रा ने बताया कि जब मूढ़ीपार सरकारी स्कूल में शाला विकास सिमिति की टीम पहुंची तो बच्चों ने उन्हें भी अपनी परेशानी बताई थी, जिसके बाद समिति ने स्कूल के प्रिंसिपल से इस मामले में सवाल उठाए. इस पर स्कूल के प्रिंसिपल ने मामले को यह कह कर टाल दिया कि यह हमारे स्कूल का नीजि मामला है, हम निपटा लेंगें.
पहले DEO से शिकायत करने पहुंचे थे स्कूली बच्चे
दरअसल टीचर की मनमानी से परेशान विद्यार्थी आज पहले जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) कार्यालय खैरागढ़ पहुंचे लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी कलेक्टर द्वारा आयोजित बैठक में व्यस्त थे. इस जानकारी मिलते ही विद्यार्थियों ने कलेक्ट्रेट का रुख किया. अपने भविष्य को अंधकार में जाने से बचाने के लिए विद्यार्थी एक किलोमीटर पैदल चलकर कलेक्ट्रेट के सभागृह पहुंच गए, जहां कलेक्टर की बैठक चल रही थी. जिला कार्यालय में बच्चों की भीड़ देखकर जिला पंचायत सदस्य और सभापति विप्लव साहू भी कलेक्ट्रेट पहुंचे.
शिक्षा अधिकारियों ने उल्टा बच्चों को लगाई फटकार
कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा ने स्कूली बच्चों के मामले की जानकारी मिलने पर बीईओ नीलम राजपुत और जिला शिक्षा अधिकारी लालजी द्विवेदी को तत्काल समस्या का समाधान करने के लिए बाहर भेजा. लेकिन, डीईओ और बीईओ ने उल्टा बच्चों पर ही कलेक्टर का गुस्सा उतार दिया, जिससे बच्चे घबरा कर रोने लगे.
एसडीएम का हस्तक्षेप और आश्वासन
वहीं बच्चों को रोते हुए देखकर खैरागढ़ एसडीएम टंकेशर प्रसाद साहू ने बच्चों से मिलने आए. इस दौरान विद्यार्थियों ने एसडीएम को शिक्षिका दामिनी सिंह के द्वारा किए जा रहे दुर्व्यवहार और मनमानी के बारे में रोते हुए बताया. इसके साथ ही उन्होंने एसडीएम को लिखित शिकायत भी सौंपी. जिसके बाद एसडीएम ने बच्चों को त्वरित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया और स्कूल वापस भेजा. फिलहाल जान जोखिम में डालकर मालवाहक में बैठ कर आये बच्चे उसी माल वाहक में बैठ कर स्कुल वापस चले गए हैं
मीडिया से बच रहे अधिकारी
इस पूरे मामले में जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी मीडिया से बचते नजर आ रहे हैं. भारत के भविष्य कहे जाने वाले ये छात्र आज रो रो कर अपने भविष्य को संवारने की माँग कर रहे हैं, लेकिन शिक्षा से जुड़े इस गंभीर मामले में जिम्मेदार अधिकारी मौन हैं.