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Raipur: प्रदेश प्रवक्ता व विधायक रंजना ने कहा, ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की जुमलेबाज प्रदेश की कांग्रेस सरकार ‘उड़ता छत्तीसगढ़’ गढ़ने का काम कर रही…

रायपुर: भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता और विधायक रंजना साहू ने कहा कि शराबबंदी के अपने वादे से मुकरने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पूर्ण नशाबंदी के सियासी जुमले का काला सच यह है कि छत्तीसगढ़ शराब, ड्रग्स और नशीले पदार्थों की खपत का अड्डा बना दिया गया है और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त ड्रग्स माफियाओं और नशे के सौदागरों के लिए छत्तीसगढ़ सुरक्षित शरणस्थली बन गया है। श्रीमती साहू ने कहा कि शराब के साथ-साथ सूखे नशे की लत से छत्तीसगढ़ के किशोरों से लेकर युवाओं का पूरा जीवन दाँव पर लगा हुआ है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विधायक श्रीमती साहू ने नशे के पूरे गोरखधंधे पर सामने आई एक ताजा रिपोर्ट को चिंताजनक बताते कहा कि एक ओर मुख्यमंत्री बघेल नशाबंदी का कोरा जुबानी जमा-खर्च करने में लगे हैं जबकि उनकी सरकार की नाक के नीचे राजधानी के बड़े होटल, रेस्टोरेंट, पब्स से लेकर गली-गली में पान ठेले तक से खतरनाक नशीले पदार्थ सहज सुलभ हो रहे हैं। श्रीमती साहू ने कहा कि अकेले राजधानी में 80 से ज्यादा जगहों पर गांजा, 50 से ज्यादा स्थानों पर नशीली दवा और ड्रग्स खुलेआम मिल रहे हैं। ऐसे हालात जब राजधानी के हैं तो प्रदेश के दीगर इलाकों की भयावह स्थिति की कल्पना की जा सकती है। श्रीमती साहू ने कहा कि नशीले पदार्थों व शराब की अवैध तस्करी बेखौफ जारी है और प्रदेश सरकार हाथ-पर-हाथ धरे बैठी है। इससे यह आशंका घनीभूत हो चली है कि प्रदेश सरकार के संरक्षण में हुए तमाम घोटालों की कड़ी में क्या अब ड्रग्स घोटाला भी चल रहा है?

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं विधायक ने कहा कि छत्तीसगढ़ में गोवा से ड्रग्स, ओड़िशा से गांजा और पंजाब से अफीम लाकर यहां खपाई जा रही है। पंजाब-हरियाणा से छत्तीसगढ़ में कोरिया, सरगुजा, कोरबा, बलौदाबाजार से राजधानी में अफीम पहुंचाई जा रही है जबकि ओड़िशा से गांजा गरियाबंद व महासमुंद के रास्ते राजधानी पहुंच रहा है। गोवा से ड्रग्स राजनांदगांव एवं दुर्ग के रास्ते लाकर राजधानी और पूरे छत्तीसगढ़ में खपाया जा रहा है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक श्रीमती साहू ने कहा कि ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की जुमलेबाज प्रदेश की कांग्रेस सरकार ‘उड़ता छत्तीसगढ़’ गढ़ने का काम कर रही है। नशे के गर्त में प्रदेश की भावी पीढ़ी को धकेलकर कांग्रेस की प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ की सामाजिक और पारिवारिक संरचना को तो तहस-नहस कर ही रही है यहां के शांति और सौहार्द्रपूर्ण सद्भाव के वातावरण को भी नष्ट कर रही है। शराब और सूखे नशे की लत के चलते अब पारिवारिक रिश्ते लहूलुहान हो रहे हैं और प्रदेश सरकार कमीशनखोरी, शराब की कोचियागिरी करने और सूखे नशे के गोरखधंधे को राजनीतिक संरक्षण देने में लगी है।

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