सीएम विष्णु देव साय हुए श्रीमद्भागवत कथा में शामिल,मुख्यंमत्री बनने के बाद पहली बार जशपुर पहुंचे…

जशपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद आज पहली बार जशपुर पहुंचे. जहां उन्होंने बस स्टैंड के पास नवनिर्मित सौरभ सागर द्वार का लोकार्पण किया. जिसके बाद सीएम साय बालाजी मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में शामिल हुए. वहीं रणजीता स्टेडियम के समीप स्थापित स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव की आदमकद प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर माल्यार्पण किया. बता दें कि सीएम साय आज “जशपुरिया माटी अटल सुशासन समारोह” में शामिल होंगे. इसके साथ ही सीएम साय जशपुर वासियों को करोड़ के विकास कार्यों की सौगात देंगे.
बता दें कि, जशपुर के माटी पुत्र मुख्यमंत्री साय के मुख्यमंत्री बनने पश्चात जशपुर आगमन पर नगरवासियों ने पुष्प वर्षा से उनका स्वागत किया. नगरवासियों ने बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया. इस दौरान ग्राम चड़िया के उरांव समाज के करमा नर्तक दलों द्वारा मांदर की ताल पर सुंदर करमा नृत्य प्रस्तुत कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया. जशपुर पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री साय हेलीपैड से खुली गाड़ी में सवार होकर लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हुए शहर के कॉलेज रोड में बस स्टैंड के समीप नवनिर्मित सौरभ सागर द्वार पहुंचे, जहां उन्होंने द्वार का लोकार्पण किया.
जैन धर्म के संत सौरभ सागर के नाम पर निर्मित इस प्रवेश द्वार का लोकार्पण जशपुर के माटी पुत्र मुख्यमंत्री साय के हाथों होने पर नगरवासियों में खुशी की लहर छा गई. इस द्वार का निर्माण राजस्थान के लाल पत्थर से हुआ है. नगरपालिका ने पार्षद मद से 8 लाख रूपये की लागत से सौरभ सागर द्वार का निर्माण कराया है. जैन धर्म के संत सौरभ सागर के नाम पर निर्मित इस प्रवेश द्वार का लोकार्पण जशपुर के मुख्यमंत्री के हाथों होने को लेकर भी शहरवासियों में खासा उत्साह देखने को मिला. सौरभ महाराज ने जैन आचार्य बनकर पूरे अंचल को गौरान्वित किया है। उन्होंने जनसेवा को अपने जीवन का ध्येय बनाया है.
सौरभ सागर द्वार के लोकार्पण के बाद सीएम साय बालाजी मंदिर प्रांगण में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा में शामिल हुए. जहां उन्होंने भगवान बालाजी का आशीर्वाद लेकर कथा में मौजूद लोगों को संबोधित किया. श्रीमद्भागवत कथा में उपस्थित जनों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, मां चंडी, मां खुड़िया रानी, स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के आशीर्वाद से जशपुर के इस बेटे को सीएम के रूप में काम करने का अवसर मिला है.
सीएम साय ने कहा कि प्रथम जशपुर आगमन पर बालाजी भगवान, खुड़िया रानी एवं सभी जशपुरवासियों को प्रणाम करता हूं. आपके आशीर्वाद से इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिली है, इस पद की जिम्मेदारी अच्छे से निभा पाऊं यह सब आपके आशीर्वाद से संपन्न होगा. इस दौरान मुख्यमंत्री ने सभी को प्रणाम करते हुए सभी लोगों का आभार जताया.
बालाजी मंदिर प्रांगण में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रणजीता स्टेडियम के पास स्थापित की गई स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव की आदमकद प्रतिमा के सामने दीप प्रज्ज्वलित कर माल्यार्पण किया. यहां पहुंचने पर ग्राम कोमड़ो एवं बुमतेल से आए पारंपरिक सरहुल और कर्मा नर्तक दल ने अपनी आकर्षक प्रस्तुति देकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया. इस दौरान विधायक रायमुनि भगत और गोमती साय, प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, कृष्णा राय, राजू गुप्ता सहित भारी संख्या में लोग मौजूद थे.
गौरतलब है कि, 8 मार्च 1949 को जशपुर के तत्कालीन शाही परिवार में जन्में दिलीप सिंह जूदेव बेहद सहज, सरल और विनम्र स्वभाव के थे. जशपुर वासियों के साथ उनके गहरे आत्मीय संबंध थे. खासकर जनजातीय समुदाय के बीच वे काफी लोकप्रिय रहे. दिलीप सिंह जूदेव के पिता राजा विजय भूषण सिंह देव जशपुर के अंतिम शासक थे.
दिलीप सिंह जूदेव तीन बार राज्यसभा और एक बार लोकसभा सांसद रहे. वह प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार में पर्यावरण और वन राज्य मंत्री भी थे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और दिलीप सिंह जूदेव के बीच गहरी आत्मीयता रही. जूदेव जब तक जीवित रहे तब तक मुख्यमंत्री साय के साथ मिलकर क्षेत्र के विकास में लगातार सक्रिय रहे.