देश की अर्बन कमेटी की एक आवश्यक बैठक हुई थी उसमें देश के भारत सरकार के सेक्रेटरी ज्वाइंट सेक्रेट्री अपर सेक्रेटरी सारे वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। देश में बहुत सारे लोगों को अपने अधिकारों के बारे में मालूम नहीं है।(Raipur Breaking – MP Sunil Soni’s press conference)
जो लोग हाउसिंग में बिल्डर्स लोगों से मकान लेते हैं और वह परेशान रहते हैं भटकते रहते हैं उनको न्याय नहीं मिलता।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 219 बनाया है इस अधिनियम के तहत जो भी उपभोक्ता है उसकी धनराशि वापस नहीं हो रही होगी।
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मकान जो खरीदा गया है उसकी गुणवत्ता अच्छी नहीं है जो सहमति से अधिक धनराशि की मांग करता है ऐसे 14 प्रकार बिंदु होते हैं जिस पर सुनवाई की जाती है। जो उपभोक्ता है वह जिला और प्रदेश के अंतर्गत जा सकता है अगर जिले और प्रदेश के अंतर्गत उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है तो वह भारत सरकार को भी ईमेल कर सकता है।
अगर भारत सरकार को उनकी अगर प्रदेश में सुनवाई नहीं हो रही है तो भारत सरकार को करेगा तो उनकी सुनवाई 90 दिनों के अंतर्गत की जाएगी। उसके लिए जरूरी चीज है कि वह उपभोक्ता हो। अगर एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से मकान खरीदा होगा तो उसके लिए यह नियम लागू नहीं होगा।(Raipur Breaking – MP Sunil Soni’s press conference)
एक व्यक्ति अगर कोई बिल्डर आरडीए, हाउसिंग बोर्ड है इन फोरम से चाहे वह प्राइवेट बिल्डर से खरीदा होगा तो वह इस अधिनियम के अंतर्गत आएगा। जो भी बिल्डर अपने उपभोक्ता को जो सुविधा देने का वादा किया हो अगर वह पूरा नहीं करेगा तो इस अधिनियम के अंतर्गत आएगा।
कुछ बिल्डर पर कड़ी कार्यवाही इस अधिनियम के अंतर्गत की जाएगी।
90 दिनों के अंतर्गत अगर बिल्डर उपभोक्ता की मांगों को पूरा नहीं करेगा तो उस पर कार्यवाही की जाएगी।रेरा में पंजीकृत होना जरूरी नहीं है उपभोक्ता बिल्डर और हाउसिंग बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत होना जरूरी है।