रायपुर: जिले में सड़क दुर्घटनाओं में कटौती करने आवारा पशुओं को रेडियम बेल्ट लगाये जा रहे हैं। रेडियम बेल्ट की वजह से पशु दूर से नजर आ जाते हैं और इससे गंभीर हादसों को टाला जा सकता है। कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने जिले में सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए आवारा पशुओं में रेडियम के पट्टे और टैग लगाने के निर्देश दिए थे। जिले के पशुधन विकास की टीम द्वारा 250 आवारा पशुओं में रेडियम बेल्ट लगाए गए है। इसमें रायपुर-जगदलपुर, रायपुर-महासमुंद नेशनल हाईवे और रायपुर-बलौदाबाजार स्टेट हाईवे, पुराना धमतरी रोड़ सेजबहार, रिंग रोड नं.-02, गोंदवारा, टाटीबंध, गुढ़ियारी इत्यादि शामिल हैं।
रेडियम बेल्ट अंधेरे में लाइट पड़ने पर दूर से ही चमकता है। पशुओं में इसे लगाने से वाहन चालक दूर से जानवरों को देख पाते हैं और अपने वाहनों को जानवरों का बचा सकते है, जिससे रात में होने वाली दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। पशुधन विकास विभाग की टीम द्वारा पशुओं की टैगिंग का कार्य भी किया जा रहा है। पशुओं की पहचान के लिए उनके कान पर एक पीले रंग का टैग लगाया जाता है। टैग में 12 अंक होते है जो पशुओं के पहचान पत्र की तरह काम करता है। टैग पर अंकित नंबर के माध्यम से पशुओं की नस्ल, स्वास्थ्य आदि की जानकारी सॉफ्टवेयर में डाली जाती है। जिससे पशुओं की पहचान और उन से संबंधित जानकारी आसानी से उपलब्ध हो पाती है।
संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ शंकर लाल उईके ने बताया कि बारिश में पानी और कीचड़ के कारण मवेशी रोड पर बैठ जाते हैं ऐसे में अक्सर वाहन चालकों और मवेशियों के एक्सीडेंट की आशंका बनी रहती है। इसे कम करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अन्य सड़कों में रेडियम बेल्ट लगाया जा रहा है। जल्द ही शहर के भीतर अन्य सड़कों में आवारा पशुओं को बेल्ट लगाया जाएगा।