बड़ी खबरविदेश

पीएएफ के प्रशिक्षण अड्डे पर आतंकवादी हमला, नौ आतंकियों को ‘जहन्नुम भेजा’

इस्लामाबाद: भारी हथियारों से लैस नौ आतंकवादियों ने शनिवार को सुबह पंजाब प्रांत में पाकिस्तानी वायुसेना (पीएएफ) के एक प्रशिक्षण अड्डे पर हमला कर दिया, लेकिन सभी आतंकवादियों को ‘जहन्नुम’ भेज दिया गया है। सेना ने यह जानकारी दी।

इससे एक दिन पहले देश में तीन अलग-अलग आतंकवादी हमलों में 17 सैनिक मारे गए थे। पाकिस्तानी सेना ने एक बयान में कहा कि आतंकवादियों ने उसकी वायुसेना के मियांवाली प्रशिक्षण हवाई अड्डे पर हमला किया। उसने पुष्टि की कि हमले के दौरान पहले से ही संचालन से बाहर कर दिए गए तीन विमानों को नुकसान पहुंचा है।

सेना ने पुष्टि की कि ‘‘पीएएफ प्रशिक्षण अड्डे मियांवली में तलाशी अभियान पूरा हो गया है और सभी नौ आतंकवादियों को जहन्नुम भेज दिया गया है’’। बयान में कहा गया है कि यह अभियान ‘‘आज सुबह अड्डे पर कायरतापूर्ण और नाकाम आतंकवादी हमले के बाद आसपास के इलाके में किसी भी संभावित खतरे को रोकने के लिए शुरू किया गया था।’’

सेना ने कहा कि पीएएफ की संचालनात्मक स्थिति वाली किसी भी संपत्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, हालांकि पहले से संचालन से बाहर किए गए तीन विमानों को थोड़ा नुकसान हुआ है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से संबद्ध एक नए आतंकवादी समूह तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान (टीजेपी) ने मीडिया को दिए एक बयान में इस हमले की जिम्मेदारी ली है।

हमले की ंिनदा करते हुए कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकड़ ने कहा, ‘‘हमारी सुरक्षा को कमजोर करने वाले किसी भी प्रयास का दृढ़ता से सामना किया जाएगा।’’ इस हमले से कुछ घंटे पहले बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में हुए आतंकी हमलों में कम से कम 17 सैनिकों की मौत हो गयी। पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में शुक्रवार को आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें में कम से कम 14 सैनिक मारे गए।

बलूचिस्तान में शुक्रवार को हुआ आतंकवादी हमला इस साल का सबसे वीभत्स हमला माना जा रहा है, जिसमें पाकिस्तानी सेना के सबसे ज्यादा सैनिक मारे गए हैं। अंतरिम गृहमंत्री सरफराज बुगती ने कहा कि शुक्रवार और शनिवार को हुए हमलों में शामिल आतंकवादियों के नाम भले ‘‘अलग रहे होंगे, लेकिन पर्दे के पीछे का दुश्मन एक ही है।’’

उन्होंने हाल के आतंकवादी हमलों को ‘‘पाकिस्तान को एक बार फिर अनिश्चितता और अस्थिरता का गढ़ बनाने के लिए साजिश’’ करार दिया। अफगानिस्तान में अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद ंिहसा बढ़ गयी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button