अब चिंता खत्म-शिक्षाकर्मियों की विधवाओं को मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति

किसी भी समाज में वैवाहिक साथी के न रहने पर गुजर जाने पर हालात काफी चिंताजनक हो जाते हैं वित्तीय और आर्थिक समस्याएं सर उठाने लगती हैं महिलाओं की स्थिति ज्यादा चिंताजनक हो जाती है.और इन्हीं हालातों का सामना कर रही है पंचायत शिक्षाकर्मियों की विधवाएं ।
वे अनुकंपा नियुक्ति के लिए कई महीनों से आंदोलनरत हैं.
पंचायत शिक्षाकर्मियों की विधवाओं की मांग पर सरकार ने संज्ञान लिया है स्कूल शिक्षा विभाग ने जिलों से ऐसे शिक्षाकर्मियों का ब्यौरा मांगा है जिनकी मृत्यु संविलियन से पहले हो चुकी है लोक शिक्षण संचालनालय ने बुधवार को सभी संभागीय संयुक्त संचालकों और जिला शिक्षा अधिकारियों को एक पत्र जारी कर कहा है.
आपके जिले में अनुकंपा नियुक्ति के ऐसे प्रकरण जिसमें कर्मचारी की मृत्यु शिक्षाकर्मी के रूप में स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन से पूर्व हो चुकी है उसकी सूची उपलब्ध कराएं ताकि अनुकंपा नियुक्ति के मामले में प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके.(widows education workers)
आपको बता दें कि एक लंबे समय से अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे सैकड़ों परिवारों को उम्मीद बंधी है मृत शिक्षाकर्मियों की पत्नियों और बच्चों ने कई कई बार सरकार के सामने अपनी मांग रखी, शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी किया.
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यहां तक की अपने आंदोलन का खर्च चलाने सड़क के किनारे मत शिक्षक कर्मियों की महिलाओं ने राहगीरों के जूते भी पॉलिश किए और उससे होने वाली आय से आंदोलन के दौरान अपना खर्च भी चलाया। इसके अलावा दिवंगत पंचायत शिक्षकों की विधवाओं ने जीवित नागरिक को कफन ओढ़ा कर शोक भी मनाया और इस इस तरह के अनूठे प्रदर्शन के द्वारा सरकार का ध्यान अपनी और आकर्षित करने का प्रयास किया। आपको बता दें कि राज्य में करीब 935 दिवंगत पंचायत शिक्षकों की विधवाएं हैं जो अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रही है.(widows education workers)
आपको बता दें कि 2018 से पहले छत्तीसगढ़ के स्कूलों में दो तरह के शिक्षक काम कर रहे थे पहले स्कूल शिक्षा विभाग में नियुक्त नियमित शिक्षक दूसरे पंचायत और नगरीय निकायों की ओर से नियुक्त शिक्षाकर्मी शिक्षा कर्मी नियुक्ति नियमित नहीं थी.
यह पैरा शिक्षक का पद था। ऐसे में इन्हें राज्य कर्मी नहीं माना जाता था और उनका वेतन भी कम था और मृत्यु के पश्चात अनुकंपा नियुक्ति का भी प्रावधान नहीं था 2019-20 में इनको स्कूल शिक्षा विभाग में नियमित कर दिया गया सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे का कहना है कि करीब 900 के आसपास ऐसे मामले हैं.(widows education workers)
अब लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी किए गए इस पत्र से शिक्षक कर्मियों की विधवाओं में उम्मीद जागी है सरकार द्वारा दिखाई जा रही इसी संवेदनशीलता का इंतजार वे काफी दिनों से कर रही थी.