
हलाल-प्रमाणित चाय परोसे जाने पर भारतीय रेलवे के एक कर्मचारी और एक नाराज यात्री के बीच तीखी नोकझोंक का वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में यात्री ने कर्मचारी से सवाल करता किया कि ये हलाल प्रमाणित क्या होता है? सावन के महीने में ये चाय क्यों परोसा जा रहा है? वहीं, रेलवे कर्मचारी ने या त्री को समझाने की कोशिश कि चाय वैसे भी शाकाहारी है, इसलिए चिंता करने की बात नहीं है.
वायरल वीडियो में यात्री कहता है, ‘सावन का महीना चल रहा है, और आप मुझे हलाल सर्टिफाइड चाय पिला रहे हैं. हमें पूजा करना है. चाय की पैकेजिंग की जांच करते हुए अधिकारी कहता है, ‘यहां देखिये ये क्या है? इस पर गुस्साए यात्री कहता है, ‘आप समझाएं कि हलाल-सर्टिफाइड क्या है. हमें पता होना चाहिए. हम तो आईएसआई प्रमाणपत्र के बारे में जानते हैं. आप बताएं कि हलाल-प्रमाणपत्र क्या है. रेलवे अधिकारी गुस्साए यात्री को समझाते हुए, ‘ यह मसाला चाय प्रीमिक्स है. और वह आगे बताते हुए कहता है यह 100% वेजेटेरियन है. इसपर यात्री कहता है लेकिन हलाल सर्टिफाइड क्या है? मुझे इसके बाद पूजा करनी है. तभी अधिकारी पूछता है क्या आप वीडियो बना रहे हैं.
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मालूम हो कि हलाल प्रमाणिकता की शुरुआत, साल 1974 में शुरू हुई जो 1993 तक केवल स्लॉटर मांस उत्पादों पर लागू किया गया था. लेकिन फिर बाद में अन्य खाद्य उत्पादों, दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों समेत कई चीजों के लिए किया जाने लगा. हलाल का वास्तविक मतलब ये होता है कि इस्लामी कानून का पालन करते हुए तैयार किए उत्पाद. लेकिन साल 2022 में सुप्रीम कोर्ट में पेटिशन डालकर हलाल सर्टिफिकेशन पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग की गई थी.