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CG: भारत माला परियोजना: किसानों को मुआवजा न मिलने पर उठे सवाल, अधिकारियों पर लगा बड़ा आरोप, पढ़े पूरी खबर…

रायपुर: भारत माला परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण में किसानों को मुआवजा न मिलने की समस्याएँ लगातार सामने आ रही हैं। कई राज्यों में किसान अपनी भूमि के उचित मुआवजे के लिए संघर्षरत हैं, जिससे परियोजना के कार्यान्वयन में भी बाधाएँ उत्पन्न हो रही हैं। READ ALSO :RAIPUR: मेयर मीनल चौबे के बेटे के विवाद पर कार्टून वार शुरू, कांग्रेस ने पोस्ट शेयर कर बीजेपी पर कसा तंज…

छत्तीसगढ़ में किसानों की समस्याएँ:
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के हनोदा ग्राम के किसान आनंद साहू ने बताया कि चार वर्ष पूर्व उनकी भूमि भारत माला परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई थी, लेकिन अब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिला है। उन्होंने मुख्यमंत्री जनदर्शन में अपनी समस्या रखी, जिस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए। READ ALSO :CG NEWS: छत्तीसगढ़ के इस जिले में बनेगा, पानी से 35 सौ मेगावाट बिजली, पढ़े पूरी खबर…

इसके अतिरिक्त, छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भारत माला परियोजना के मुआवजे में गड़बड़ी का मामला उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रस्टों को तो रातोंरात भुगतान हो जाता है, लेकिन वास्तविक हकदार किसानों को मुआवजा नहीं मिल पाता। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने आगामी प्रश्नकाल में इस मुद्दे पर चर्चा कराने का आश्वासन दिया। READ ALSO :RAIPUR: मेयर मीनल चौबे के बेटे के विवाद पर कार्टून वार शुरू, कांग्रेस ने पोस्ट शेयर कर बीजेपी पर कसा तंज…

उत्तर प्रदेश में किसानों का विरोध:
उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में भी किसानों ने मुआवजा न मिलने पर भारत माला परियोजना के कार्य को रोक दिया। रेवसा गांव के पास सड़क निर्माण कार्य के दौरान किसानों ने पोकलेन मशीन रोककर प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि भूमि अधिग्रहण के बावजूद उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिला है, और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे कार्य नहीं होने देंगे। READ ALSO :CG NEWS: छत्तीसगढ़ के इस जिले में बनेगा, पानी से 35 सौ मेगावाट बिजली, पढ़े पूरी खबर…

झारखंड में मुआवजा विवाद:
झारखंड के रांची जिले के ओरमांझी क्षेत्र में भी भारत माला परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के बाद किसानों को मुआवजा नहीं मिला है। किसानों का आरोप है कि फर्जी वंशावली बनाकर अन्य लोग मुआवजे पर दावा कर रहे हैं, जिससे वास्तविक हकदारों को भुगतान में देरी हो रही है।

निष्कर्ष:
भारत माला परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण में किसानों को मुआवजा न मिलने की समस्याएँ गंभीर रूप ले रही हैं। किसानों का आरोप है कि अधिकारियों की लापरवाही और अनियमितताओं के कारण उन्हें उनके हक से वंचित किया जा रहा है। यदि समय रहते इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो यह परियोजना की प्रगति में बाधा बन सकती हैं और किसानों के आक्रोश को बढ़ा सकती हैं।

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