
नईदिल्ली।देश के अधिकांश हिस्सों में गर्मी चरम पर है। ऐसे में बिजली की मांग भी रिकार्ड बना रही है। 10 जून, 2023 को देश में पहली बार बिजली की मांग 2.23 लाख मेगावाट को भी पार कर गई है। 2.23 लाख मेगावाट बिजली की मांग होने के बावजूद बिजली की आपूर्ति की स्थिति आम तौर पर सामान्य है। पीक आवर में सिर्फ 189 मेगावाट की कमी दर्ज की गई है। उसमें भी 170 मेगावाट की कमी उत्तरी क्षेत्र में देखी गई है। देश के पश्चिमी व दक्षिणी क्षेत्र में बिजली की कोई कमी नहीं है। (power demand)
आकलन है कि अभी एक पखवाड़े और बिजली की मांग तेज रहेगी और जब देश के अधिकांश हिस्से में मानसून आ जाएगा, उसके बाद बिजली की मांग में कमी आने की संभावना है। केंद्र ने पहले ही मई में 2.29 लाख मेगावाट बिजली की मांग पहुंचने का अनुमान लगाया था। वैसे अभी उस स्तर पर बिजली की मांग नहीं पहुंची है।अप्रैल और मई, 2023 में पश्चिमी व उत्तरी हिस्से में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की वजह से बिजली की मांग ज्यादा नहीं रही है। देश की बिजली की अधिकांश जरूरत अभी ताप बिजली संयंत्रों से ही पूरी की जा रही है।। (power demand)
बिजली उद्योग के जानकारों ने कहा है कि पिछले एक हफ्ते से बिजली की मांग लगातार बढ़ी है। आठ जून को बिजली की मांग 2.22 लाख मेगावाट रही थी।बिजली की अनुमानित मांग को देखकर ही बिजली मंत्रालय ने इस वर्ष जनवरी में सभी राज्य सरकारों व सरकारी कंपनियों को कोयला आयात सुनिश्चित करने को कहा था।केंद्रीय बिजली प्राधिकरण की रिपोर्ट बताती है कि देश के ताप बिजली संयंत्रों के पास तकरीबन 3.7 करोड़ टन कोयला है, जो 14 दिनों की मांग के बराबर है।
इसके अलावा तकरीबन चार से पांच दिनों की जरूरत के बराबर कोयला रास्ते में है। देश में 180 ताप बिजली संयंत्र हैं जिनमें से 50 बिजली संयंत्रों में कोयले की उपलब्धता पर्याप्त नहीं है।