
देश की राजधानी दिल्ली में दिवाली के बाद से ही प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा है (Delhi Air Pollution). सरकार की तमाम पाबंदियों के बावजूद भी दिवाली पर खूब पटाखे जलाए गए. विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (CSE) की स्टडी के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में इस साल दीपावली की रात 22 फीसदी अधिक प्रदूषण हुआ. वहीं मंगलवार सुबह भी राजधानी में हवा ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रही (Delhi Air Quality).
सीएसई के अध्ययन के मुताबिक, दीपावली की रात आठ बजे से अगले दिन सुबह आठ बजे के बीच लोगों को खतरनाक स्तर के प्रदूषण का सामना करना पड़ा. इन 12 घंटों के बीच हवा में प्रदूषक कण पीएम 2.5 की मात्रा औसतन 747 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही. जबकि, दीपावली की रात दिल्ली के 38 में से 26 निगरानी केन्द्र ऐसे थे जहां प्रदूषक कण पीएम 2.5 का स्तर एक हजार माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर स्तर को पार कर गया था. वर्ष 2020 में ऐसे निगरानी केन्द्रों की संख्या 23 और वर्ष 2019 में 22 थी.
दिवाली की रात ओखला फेज-2 और अशोक विहार में सबसे ज्यादा प्रदूषण
दिल्ली में हर साल दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता खराब होती है. ऐसे में सरकार ने इस साल भी दिवाली पर पटाखों के उपयोग व बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया था. दिल्ली में सरकार ने पटाखे फोड़ने पर आगामी 1 जनवरी 2022 तक के लिए प्रतिबंध लगा रखा है. बावजूद इसके राजधानी में खूब आतिबाजी हुई थी. सीएसई ने डीपीसीसी के डाटा के विश्लेषण के आधार पर दावा किया कि दीपावली की रात ओखला फेज-2 और अशोक विहार के लोगों ने सबसे ज्यादा प्रदूषित हवा में सांस लिया.