![PM Modi's Vishwakarma Yojana will change the picture of artisans:- Satish Latia.](https://rjnewslive.com/wp-content/uploads/2023/08/fghd.jpg)
कांकेर/ खिलेश्वर नेताम:- भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष सतीश लाटिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा छोटे कारीगरों के लिये विश्वकर्मा योजना शुरू किए जाने पर हर्ष व्यक्त करते कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार (16 अगस्त) को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ को मंजूरी दे दी गई. पांच साल की अवधि के लिए 13,000 करोड़ रुपये की वित्तीय लागत वाली इस योजना से बुनकरों, सुनारों, लोहारों, कपड़े धोने वाले श्रमिकों और नाई समेत पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लगभग 30 लाख परिवारों को लाभ होगा। पीएम मोदी ने घोषणा की थी कि 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती पर इस योजना को लॉन्च किया जाएगा.श्री लाटिया ने बताया कि विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को ‘पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र’और आईडी कार्ड के माध्यम से पहचान प्रदान की जाएगी. योजना के तहत उन लोगों को 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर के साथ 1 लाख रुपये (पहली किश्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक की ऋण सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. श्री लाटिया ने बताया कि कारीगरों और शिल्पकारों को स्किल अपग्रेडेशन (कौशल उन्नयन), टूल किट इंसेंटिव (प्रोत्साहन), डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और मार्केटिंग सपोर्ट भी प्रदान किया जाएगा.
शुरू में जिन पारंपरिक व्यापारों को कवर किया जाएगा उनमें बढ़ई, नाव बनाने वाले, शस्त्र बनाने वाले, लोहार, हथौड़ा और टूल किट बनाने वाले, ताला बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाले, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी-चटाई-झाड़ू बनाने वाले-कॉयर वीवर, पारंपरिक तौर पर गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, माला बनाने वाले, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले शामिल हैं।