Paddy Procurement In Chhattisgarh: धान पंजीयन की हो चुकी है शुरुआत इस तारीख से पहले किसान करा ले यह जरूरी काम
Paddy procurement in chhattisgarh: की भूपेश सरकार ने इस साल यानी 2022 को किसानों से 110 लाख मैट्रिक टन धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का लक्ष्य रखा है ने किसानों के लिए पंजीयन शुरू हो चुका है।
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी
Paddy procurement in chhattisgarh: धान की खेती जितना किसानों को लाभ पहुंचा रही है उससे कहीं ज्यादा धान की खरीदी भूपेश सरकार को लाभ पहुंचाने वाली है इसीलिए भूपेश बघेल सरकार प्रत्येक वर्ष पिछले लक्ष्य से अधिक मात्रा में किसानों से धान खरीदने का लक्ष्य रखती है। भूपेश सरकार ने इस साल यानी 2022 को किसानों से 110 लाख मैट्रिक टन धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का लक्ष्य रखा है। आपको बता दें आपको बता दें खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में 105 लाख मैट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा था लेकिन 97.9 8 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी की गई जिसमें से लगभग 100% धान का उठाव हो गया है धान की खरीदी के साथ-साथ तेजी से कस्टम मिलिंग का कार्य भी जारी रहा केंद्रीय पूल में अब तक रिकॉर्ड 50.7 दो लाख मैट्रिक टन चावल जमा कराया जा चुका है केवल 14 लाख मैट्रिक टन चावल जमा कराना ही बाकी है
इस तारीख तक करवा सकतें है किसान पंजीयन
Paddy procurement in chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में आगामी खरीफ सीजन की धान खरीदी के लिए नए किसानों को पंजीयन कराने की तिथि कि आज से शुरुआत हो रही है यह समय सीमा 15 अक्टूबर तक निर्धारित की गई है किसान अपने नजदीकी सहकारी सेवा समिति के माध्यम से पंजीकृत हो सकते हैं ऐसे किसान जो पहले से ही पंजीकृत है उन्हें पंजीकरण करवाने की करवाने की आवश्यकता नहीं है। उनके पंजीकरण को आगामी सत्र के लिए स्वत: ही कैरी फॉरवर्ड कर दिया जाएगा।
इसे भी पढ़े…ब्रेकिंग : छत्तीसगढ़ सरकार ने किए कई डिप्टी कलेक्टरों की ट्रांसफर देखे आदेश……
किसानो को हो रही थी असुविधा
Paddy procurement in chhattisgarh: कैरी फॉरवर्ड करने की सुविधा किसानों को इसलिए दी जा रही है क्योंकि कई जगह और क्षेत्रों में पंजीकरण के लिए किसानों को सरकारी दफ्तरों के सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पढ़ते थे कई मामलों में प्रशासनिक भ्रष्टाचार की शिकायतें भी दर्ज की जा रही थी इसी को ध्यान में रखते हुए किसानों के लिए पंजीकरण की कैरी फॉरवर्ड सुविधा को जारी किया गया है।
बरदाने की समस्या है बड़ी
जितनी अधिक मात्रा में धान खरीदी का लक्ष्य रखा जाता है इतनी अधिक संख्या में बारदानों की आवश्यकता पड़ती है । 110 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी के लिए कर ली 5:30 लाख गठान जूट बार दानों की जरूरत पड़ेगी धान खरीदी की पिछले सत्रों में किसानों ने बारदानों की समस्या का सामना किया जिससे कई किसान नाराज दिखे इतनी अधिक संख्या में बारदानों का इंतजाम कैसे किया जाता है या एक बड़ी समस्या है।