CG NEWSraipurRAIPUR NEWSRaipur policeआरंगक्राइमछत्तीसगढ़पॉलिटिक्सब्रेकिंग न्यूज़बड़ी खबरराज्य

रातों-रात मुरूम की लूट! ट्रकों, JCB मशीनों के साथ खुलेआम खनन – दलाल के संरक्षण में प्रशासन मौन?

रायपुर/मंदिरहसौद। संवाददाता – सुजीत यादव: मंदिरहसौद क्षेत्र में खनन माफिया द्वारा रातों-रात मुरूम का बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन किया गया है। एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें 50 से अधिक हायवा ट्रक और लगभग 30-40 जेसीबी व पोकलेन मशीनें नजर आ रही हैं। इन मशीनों के जरिये सैकड़ों ट्रकों में मुरूम भरकर रातों-रात गायब कर दिया गया।

इस पूरे खेल के केंद्र में बलराम सोनवानी नामक व्यक्ति का नाम सामने आ रहा है, जो खुद को ठेकेदारों का “कोऑर्डिनेटर” और एक राजनीतिक पार्टी का “प्रदेश स्तर का पदाधिकारी” बताता है। वीडियो में सोनवानी स्पष्ट रूप से रिपोर्टर को धमकाते हुए नजर आ रहा है — “खदान के अंदर जाओगे तो मेरी जिम्मेदारी नहीं होगी, गड्ढे बहुत हैं, अगर कुछ हो गया तो खुद देख लेना।” उसने पत्रकार को यह तक कहा कि – “मैं ऊपर से नीचे तक सेटिंग करके मुरूम निकालता हूं, जो कर सकते हो कर लो।”

पत्रकार को धमकी और पुलिस की निष्क्रियता
मामले की गंभीरता को देखते हुए पत्रकार सुजीत यादव ने रात में ही 112 पर कॉल कर तत्काल पुलिस सहायता मांगी, लेकिन करीब तीन घंटे तक कोई पुलिस सहायता नहीं पहुंची। जान का खतरा बताने के बावजूद अधिकारियों की निष्क्रियता ने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

जब रिपोर्टर ने थाने में पहुंचकर शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, तो मंदिरहसौद थाने में मौजूद पुलिसकर्मी ने न केवल उसे धमकाया बल्कि कॉलर पकड़कर दुर्व्यवहार भी किया। इसका वीडियो भी मौजूद है, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

चूड़ी पहनकर बैठे हैं विभाग?
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जहां माइनिंग विभाग, खाद्य विभाग और नया रायपुर विकास प्राधिकरण छोटे-छोटे दुकानदारों या निर्माणकर्ताओं पर कार्यवाही करने में मुस्तैद रहते हैं, वहीं बलराम सोनवानी जैसे व्यक्ति सैकड़ों ट्रक, दर्जनों जेसीबी लगाकर खुलेआम पहाड़ उखाड़ देते हैं और कोई कुछ नहीं कर पाता। यह स्थिति दर्शाती है कि कहीं न कहीं यह पूरा खेल संरक्षण प्राप्त भ्रष्ट गठजोड़ का परिणाम है।

सवालों के घेरे में शासन और प्रशासन
इतनी बड़ी मात्रा में मुरूम निकाले जाने से न केवल सरकारी राजस्व को नुकसान हुआ है, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था और कानून व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल उठते हैं। यह भी सवाल उठता है कि जब पत्रकार तक को धमकाया जा रहा है, तो आम जनता की सुरक्षा का जिम्मा कौन उठाएगा?

अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि वीडियो, फोटो और गवाहों के आधार पर शासन-प्रशासन इस मामले में कैसी कार्यवाही करता है? क्या यह भी एक “जांच जारी है” के बयान में सिमट जाएगा या फिर वास्तव में दोषियों पर शिकंजा कसा जाएगा?

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button