रायपुर: अगर हम शिव को जानने का प्रयास कर रहे है तो यह शिव की ही कृपा है, जिसके ललाट में शिव ने सील लगा दी. वही इस पंडाल में पहुंच सकता है और जिसके ऊपर कृपा होती है वहीं शिव महापुराण करवा सकता है। आज योग लगा है पवन खंडेलवाल, विशाल खंडेलवाल, मोनू साहू का जिसके चलते शिव महापुराण कथा अमलेश्वर क़ी पावन धरा पर हो रही है। भगवान शिव को बाजार से लाया हुआ मिठाई नहीं अपने घर में खुद बनाकर भोग लगाएं। जिस घर के मंदिर के भगवान चकाचक है, समझ लो वहां सब कुछ चकाचक है।
अलग अलग घरों में रोटी छोटी-बड़ी हो सकती है, कपड़ा छोटा-बडा, मकान, कार, छोटी-बड़ी हो सकती है, आप और हमारे बीच का फासला छोटा-बड़ा हो सकता है. लेकिन मेरे देवाधी देव महादेव की करुणा कभी छोटी बड़ी नहीं होती। अंतरराष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने तीसरे दिन श्रद्धालुओं को ये बातें बताई। कथा श्रवण करने के लिए बुधवार को छत्तीसगढ़ सरकार के केबिनेट मंत्री व रायपुर लोकसभा सीट के प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल, रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू, प्रजापति ब्राम्हकुमारी संस्थान की सविता दीदी पहुंची हुई थी।
प्रदीप मिश्रा ने कहा कि माँ अपने बच्चों को बराबर स्तनपान कराती हैं, कम या ज्यादा नहीं मानती है चाहे वह छोटा हो या बड़ा। उसी तरह मेरे भोलेनाथ भी किसी को छोटा – बड़ा नहीं मानते हैं और देवाधी देव महादेव की कृपा सब पर एक जैसी बरसते रहती है। आपका धन ज्यादा अवश्य हो सकता है लेकिन इसमें दोष भोलेनाथ का नहीं है, आप जैसा कर्म करोगे वैसा ही फल आपको मिलता है. इसलिए धन के पीछे कभी भागना नहीं चाहिए, अगर भागना ही हैं तो भोलेनाथ के पीछे भागो। अमलेश्वर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर में सेठो क़ी कमी नहीं है पर जिसके ललाट पर भोलेनाथ जी ने लिख कर भेजा है, वही शिव महापुराण कथा करवा सकता है।
आज योग लगा है पवन खंडेलवाल, विशाल खंडेलवाल, मोनू साहू पर जिसके चलते हठकेश्वर महादेव घाट के तट पर अमलेश्वर की इस पावन धरा पर आज शिव महापुराण कथा हो रहा है। जिसके ललाट में शिव ने सील लगा दिया है. वही इस पंडाल में पहुंच सकता है और भोलेनाथ जिसको पकड़ लेते है वहीं शिव महापुराण कथा करवाता है। कथावाचक मिश्रा ने कहा कि यहां कथा श्रवण करने आए लोगों की जो लोग नि:शुल्क सेवा कर रहे है. कहीं न कहीं उन लोगों ने कोई अच्छा कार्य किया होगा और जो कार्य कर रहे है. वह निर्थक नहीं जाने वाला है यह लोग लिखकर रख लो। भजन और समर्पण का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि शिवजी का भजन गाकर उन्हें प्रसन्न कर सकते है और उनके मंदिर में जाकर पूर्ण समर्पित होकर पूजा करेंगे तो मेरे भोलेनाथ आप लोगों के दुख और दर्द को एक न एक दिन जरुर सुनेंगे।
भगवान शिव को बाजार से लाया हुआ मिठाई कभी भी भोग के रुप में नहीं चढ़ाना चाहिए, जब भी उन्हें भोग चढ़ाए तो अपने घर में खुद बनाकर चढ़ाएं। पंडित मिश्रा ने कहा कि हम पहले देखते थे कि लोग शिव मंदिरों में जाते थे तो मंदिर का ही पानी भरकर भोले नाथ पर चढ़ा देते थे लेकिन पिछले कुछ सालों से ऐसा नहीं हो रहा है। आज के लोग समझदार हो गए हैं वे अब अपने घर से एक बाल्टी में पानी भरकर भोलेनाथ पर चढ़ाते है। पहले यह तो था कि मंदिर में जिसने पानी भरकर रखा है और आप लोग उसे चढ़ाते थे तो उसका फल पानी भरने वालों को मिलता था इसलिए मैं बार-बार अपनी कथाओं में यह कहता हूं कि अपने घर से पानी लेकर जाओ और शिवजी को चढ़ाओ क्योंकि शिव जी को चढ़ाया हुआ जल एक दिन आपका जीवन जरुर बदलेगा।
कुछ नहीं तो कोई बात नहीं, दिल ही दे दो शिवजी को
पंडित मिश्रा ने कहा कि किसी के पास कुछ नहीं है तो कोई बात नहीं, लेकिन आपके पास इतना बड़ा दिल जिसने दिया है वह तो तुम उसे दे ही सकते हो. जिस दिन तुमने अपना दिल शिवजी को दे दिया तो उस दिन से तुम्हें और कहीं जाने की जरुरत नहीं। तुम्हें रो-रो पुकारे भोलेनाथ गाने क़ी धुन पर इस भीषण गर्मी में पहुंचे लाखों लोग झूमते हुए नजर आए।
कथावाचक मिश्रा ने कहा कि बचपन और जवानी निकल गया कोई बात नहीं पर बुढ़ापा नहीं निकलने दें। पवन खंडेलवाल जी के घर में भगवान और मंदिर चकाचक है. जिसके चलते सब कुछ चकाचक है. अपने घर में भगवान के आसपास और मंदिर को साफ -सुधरा अवश्य रखें। भोलेनाथ को कभी भी छप्पन भोग नहीं लगता. लेकिन जो भगवान भोलेनाथ को पूजता है उसे छप्पन भोग मिलता है.
कथा स्थल में लगे नेत्र शिविर में आँखों की जांच जरुर कराएं
महाराजी ने कहा कि जिसने भी भोलेनाथ पर भरोसा किया है उसे भोलेनाथ ने भरपूर दिया है। कथा स्थल अमलेश्वर में सात दिनों का नेत्र शिविर लगा है यहां पहुंचकर आप अपनी आँखो का जांच अवश्य कराएं। लाल चश्मा पहनोगे तो सब लाल, नीला चश्मा पहनोगे तो सब नीला दिखेगा, शिव क़ी भक्ति का चश्मा पहनोगे तो कोई बुरा नहीं दिखेगा। न सास बुरी, न ननद बुरी, न पति बुरा, खुद का चश्मा खऱाब हो तो सब बुरा दिखाई देता है।
18 से गंडई में होगी कथा
छत्तीसगढ़ वालों से भगवान शिव इतने प्रसन्न हैं कि बार-बार यहां शिव महापुराण कथा का आयोजन हो रहा है। पहले धमतरी जिले के कुरुद और अब दुर्ग जिले के अमलेश्वर में चल रहा है। 18 जून से खैरागढ़ जिले के गंडई में होने वाला है।