नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को कहा कि तकनीक और सोशल मीडिया के युग में ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ (एआई) और ‘डीप फेक’ जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। ऐसे में पुलिस अधिकारियों को तकनीक के क्षेत्र में हमेशा अपडेट रहना होगा और अपराधियों पर सदैव बढ़त हासिल करनी होगी।
75 आरआर (2022 बैच) के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के प्रोबेशनर्स के एक समूह ने आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। प्रोबेशनर्स को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि पुलिस प्रशासन तथा कानून-व्यवस्था की मुख्य जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है लेकिन, आईपीएस अधिकारी राज्य सरकारों द्वारा नियुक्त किए गए पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को नेतृत्व प्रदान करते हैं। इस प्रकार देश की पुलिस व्यवस्था को एक अखिल भारतीय सूत्र में पिरोने का कार्य भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी करते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर पुलिस बलों ने देश में कानून व्यवस्था बनाए रखने और देश की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण बनाए रखने में अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस बलों के सामने साइबर अपराध, ड्रग कार्टेल, वामपंथी उग्रवाद और आतंकवाद सहित कई चुनौतियां मौजूद हैं।
नई-नई तकनीक और सोशल मीडिया के प्रभाव से परिस्थितियां तेजी से बदलती हैं। अपराधियों द्वारा जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाता है और डीप-फेक जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों को तकनीक के क्षेत्र में हमेशा अपडेट रहना होगा और अपराधियों पर सदैव बढ़त हासिल करनी होगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए कानून-व्यवस्था का मजबूत होना एक अनिवार्य शर्त है। विश्व स्तर पर, राष्ट्रीय स्तर पर और स्थानीय स्तर पर यह देखा गया है कि उद्यमी वहां निवेश नहीं करना चाहते जहां कानून व्यवस्था मजबूत नहीं होती है। इस प्रकार, पुलिस विभाग किसी भी क्षेत्र के बहुआयामी विकास में केन्द्रीय भूमिका निभाता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार का लक्ष्य प्रत्येक नागरिक की प्रतिभा और क्षमता के विकास के लिए अवसर प्रदान करना है। यह हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकता है कि सभी नागरिक विकास यात्रा में भागीदार बनें। उन्होंने कहा कि अमृतकाल के दौरान देश को समग्र रूप से विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को पूरा करने में पुलिस अधिकारियों की भी निर्णायक भूमिका रहेगी।
उन्होंने कहा कि 2022 के इस बैच में 21 प्रतिशत महिलाएं हैं। आईपीएस में 554 महिला अधिकारी कार्यरत हैं जो कि तैनात अधिकारियों की कुल संख्या 4344 का लगभग 13 प्रतिशत है। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि महिला आईपीएस की संख्या में और वृद्धि होती रहेगी।