जयपुर: देश में हर 100 में से पांच लोगों को कान में घंटी बजने, सांप के हिस्स की आवाज गूंजने की समस्या यानी टिनिटस की समस्या है। इसकी जांच के लिए अब नई तकनीक इमेजिंग ऑडियो वेस्टीबुलोमैट्री जांच की जाने लगी है। इससे टिनिटस की सटीकता से जांच की जा सकती है। न्यूरो ओटोलॉजिकल एंड इक्विलिब्रियोमेट्रिक सोसायटी ऑफ इंडिया की तीन दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस नेस्कॉन-2023 के रविवार को संपन्न हुई, जहां डॉक्टर्स ने यह जानकारी दी।
कॉन्फ्रेंस के ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ.पवन सिंघल ने बताया कि शनिवार को कॉन्फ्रेंस के अंतिम दिन डॉ. पीपी कार्णिक ओरेशन हुआ जिसमें महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ.अचल गुलाटी ने टॉक दिया। ऑर्गनाइजिंग चेयरपर्सन डॉ.सुनील समदानी और डॉ.रेखा हर्षवर्धन ने जानकारी दी कि कॉक्लियर इंप्लांट, एंडोस्कोपिक ऑटोलॉजी, मेनियर्स और माइग्रेन के बीच संबंध, प्रेगनेंसी में वर्टिगो पर विशेषज्ञों के लेक्चर्स हुए। इसके अलावा पीजी स्टूडेंट्स के लिए क्विज भी आयोजित की गई जिसमें विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
तीन तरह के सिस्टम की होती है जांच
डॉ.मुदित मित्तल ने बताया कि इमेजिंग ऑडियो वेस्टीबुलोमैट्री में मरीज की आंखों, टच सेंस (छूना) और वेस्टीबुलर सिस्टम (कानों की आंतरिक संरचना), इन तीनों के रिफ्लेक्शन की जांच की जाती है और यह देखा जाता है कि तीनों सिस्टम एक साथ कैसा काम कर रहे हैं।
लेट्रल स्कल बेस कैंसर का शुरुआती चरण में पता लगना आवश्यक
डॉ.एनवीके मोहन ने बताया कि स्कल बेस कैंसर 0.3 से एक प्रतिशत लोगों में होगा है। इसमें मरीज के जिंदा रहने की संभावना 50 प्रतिशत से कम होती है। कान बंद होने, कान से खून आने, आवाजें आना, मुंह का टेढापन जैसे लक्षण इस बीमारी के हो सकते हैं।