
राष्ट्रीय पर्यावरण युवा संसद 2022 का आयोजन मानव रचना इंस्टिट्यूट एंव पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के द्वारा नई दिल्ली के संसद भवन में 16 अप्रैल को आयोजित किया गया। जिसमें 150 प्रतिभागियों में से
25-25 प्रतिभागियों को प्रथम सत्र में ‘भारत के परिप्रेक्ष्य में जलवायु परिवर्तन’ के विषय एवं द्वितीय सत्र में ‘काप 26 (कांफ्रेंस ऑफ़ पार्टीज) में भारत की प्रतिबद्धता’ विषय पर पक्ष और विपक्ष के युवाओं को सांसद के रूप में वक्तव्य देने का अवसर मिला। यह गतिविधि युवा पीढ़ी में चेतना जागृत करने, और पर्यावरणीय चुनौतियों से लड़ने के लिए रोडमैप तैयार करने से जुड़ी व्यापक पहल का हिस्सा है। राष्ट्रीय पर्यावरण युवा संसद का आयोजन दो सत्रों में किया गया ।

पहला सत्र सुबह 11 बजे से दोपहर 01 बजे जबकि, दूसरा सत्र दोपहर 2.30 बजे से शाम 4.30 बजे तक आयोजित हुआ। माननीय लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने पहले सत्र में छात्रों के साथ बातचीत की उन्होने सभी को पर्यावरण के प्रति सजग व जिम्मेदार होने का आह्वाहन किया । पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने पर्यावरण के मुद्दों और जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुये कहा की हमें अधिक सजग होकर पर्यावरण के बेहतरी के लिये कार्य करना होगा । कार्यक्र्म में पद्मश्री सावजी ढोलकिया विशिष्ठअतिथि रहे। छत्तीसगढ़ की टीम का नेतृत्व पर्यावरण गतिवधि के राज्य समन्वयक डॉ.अनिल ने किया।
इस संसद में छत्तीसगढ़ से 4 छात्र छात्राओं ने शिरकत की ये चारों गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में अध्ययनरत हैं। छात्र शुभम पाठक ने अपने विचार सभापति तक लिख कर पहुंचाया। जिसमें शुभम पाठक ने सरकार का पक्ष रखते हुए ये कहा की हमारी सरकार सदा से पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए योजनाएं लाती है चाहे वह उज्ज्वला योजना हो नमामि गंगे योजना हो अथवा एक राष्ट्-एक चुनाव हीं क्यों ना हो जिसका दूरगामी परिणाम हमें पर्यावरण में देखने को मिलेगा। वहीं छात्रा वीणा शुक्ला ने विपक्ष की तरफ से अपने विचार रखे और सदन में व्याख्यान दिया।
वीणा ने बढ़ते तापमान की वजह से जगलों में लगती आग पर सदन का ध्यान केंद्रित करते हुए सरकार एवम लोगों को जंगलों की रक्षा हेतु प्रयास करने का आग्रह किया। सुश्रीवीणा दूसरी बार संसद भवन में जाने वाली सभी प्रतिभागियों में एक मात्र प्रतिभागी थीं।छत्तीसगढ़ से दंतेवाड़ा जिले की नंदिनी दीक्षित ने विपक्ष के की तरफ से अपने विचार रखे उन्होने अपने सुझाओं में बताया की शासन को बंजर भूमि को सस्टेनेबल डेवलपमेंट मॉडल पर बेहतर करके वहाँ इन्वेस्ट करना चाहिए और इन जगहों को यदि टूरिस्ट प्लेसिस में कन्वर्ट करें तो लोगों का रुझान पर्यावरण की तरफ बढ़ेगा और देश में पर्यावरण की क्रांति आएगी।
नंदिनी दीक्षित के प्रधानमंत्री आवास में सोलर पैनल को जोड़ने वाले सुझाव को पसंदीदा सुझाव की श्रेणी में स्थान मिला है।
अंत में समाज में पर्यावरण के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले पर्यावरण प्रहरियों को सम्मानित किया गया जिसके अंतर्गत –पुरस्कार विजेता रहे – राष्ट्रीय युवा चिह्न – संकल्प सुमन, दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय अध्यक्ष – मुंजीद मरियम, शेर-ए-कश्मीर, कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कश्मीर,सर्वश्रेष्ठ पत्रकार – एसके जीशान अख्तर, श्री श्री विश्वविद्यालय, ओडिशा बेस्ट स्टेट्समैन – नेहा, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी,सर्वश्रेष्ठ कार्टूनिस्ट – भावेश कुमार छोकर, मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज,स्पेशल मेंशन जूरी अवार्ड – वीरेंद्र सिंह चौहान, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर (सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री),स्पेशल मेंशन जूरी अवार्ड – अमी शर्मा (सर्वश्रेष्ठ स्पीकर), महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी ऑफ एक्वाकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, उदयपुर,स्पेशल मेंशन जूरी अवार्ड – सिमरन चौहान (सर्वश्रेष्ठ विपक्षी नेता), हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय,स्पेशल मेंशन जूरी अवार्ड – परीक्षित पारीक (सर्वश्रेष्ठ नेता – ट्रेजरी), चितकारा विश्वविद्यालय,स्पेशल मेंशन जूरी अवार्ड – विवेक संजय सोनवणे (सर्वश्रेष्ठ शोध और सामग्री), सावित्री बाई फुले पुणे विश्वविद्यालय।