mistreatment of the innocent बिहार के मुजफ्फरपुर में विशेष पाक्सो कोर्ट ने एक मामा को ‘कंस’ करार दिया है। उस पर अपनी चार वर्ष की मासूम भांजी के साथ गंदा काम करने का आरोप था। तमाम गवाहों, बयानों व साक्ष्यों को सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपित को दोषी माना है। अब उसको आगामी 29 सितंबर को सजा सुनाई जाएगी। यह घटना करीब तीन साल पहले अहियापुर थाना क्षेत्र में हुई थी। जहां पीड़िता की मां के बयान पर मामला दर्ज किया गया था। पूरे मामले में आठ लोगों ने गवाही दी है। कोर्ट का फैसला आने के बाद फिर से लोगों के बीच इस बात की चर्चा होने लगी है कि अब इंसान किस पर भरोसा करे। जब मामा ने ऐसा कर दिया तो बच्चियां कहां सुरक्षित रहेंगी।
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मासूम के साथ दुराचार
mistreatment of the innocent अहियापुर थाना क्षेत्र में तीन साल पहले चार वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म मामले में उसके चचेरे मामा को दोषी करार दिया गया है। मामले के सत्र-विचारण के बाद विशेष पाक्सो कोर्ट के न्यायाधीश रविशंकर कुमार ने शनिवार को दोषी ठहराया। विशेष पाक्सो कोर्ट में 29 सितंबर को सजा सुनाई जाएगी। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक पाक्सो अजय कुमार ने कोर्ट के समक्ष आठ गवाहों को पेश किया।
mistreatment of the innocent घटना 24 दिसंबर 2019 की शाम लगभग चार बजे की है। अहियापुर थाना क्षेत्र के एक मुहल्ले में दरवाजे पर खेल रही चार वर्षीय मासूम बच्ची को उसका चचेरा मामा उठा कर घर में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद वह भाग निकला। उस समय उसकी मां घर पर नहीं थी। दुष्कर्म के बाद उसकी स्थिति बिगड़ गई। उसकी मौसी ने इसकी सूचना बच्ची की मां को दी। जब उसकी मां घर पर आई तो बच्ची ने पूरी बात बताई। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसकी मां के बयान पर महिला थाना में चचेरे मामा के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस ने अगले दिन आरोपित चचेरे मामा को गिरफ्तार कर लिया। वह तभी से जेल में बंद है।
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