भिलाई : छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े जू मैत्री बाग में रक बार फिर रौनक लौटेगी। जू प्रबंधन रायपुर स्थित जंगल सफारी से नए वन्य प्राणियों को यहां लाने की प्लानिंग कर रहा है। लंबे समय से यहां वन्य प्राणियों का एक्सचेंज नहीं हुआ था। इसके चलते यहां वन्य प्राणियों को संख्या में भी कमी आई है। पर्यटक खाली पिंजरों को देखकर निराश हो रहे थे। इसे देखते हुए बीएसपी प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है। (Management has made this masterplan)
मैत्री बाग जू प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना काल के बाद से मैत्रीबाग में जानवरों का एक्सचेज नहीं हो सका है। जिसके चलते यहां बंगाल टाइगर, गुजरात लायन और लेपर्ड की संख्या कम हो गई है। इससे यहां आने वाले पर्यटक भी काफी निराश हो रहे हैं। कई लोगों ने इसकी शिकायत भी वहां की है। इसको देखते हुए प्रबंधन इन जानवरों को लाकर फिर एक बार पर्यटकों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरेगा।
आपको बता दें कि भिलाई का मैत्रीबाग सोवियत रूस और भारत की मित्रता के प्रतीक के रूप में बनाया गया था। इसे भिलाई इस्पात संयंत्र ने 1972 में तैयार किया था। अविभाजित मध्यप्रदेश में भी इसे सबसे बड़े चिड़ियाघर के रूप में पहचाना जाता था। अभी भी ये छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे बड़ा जू है। यहां पर्यटकों को सफेद शेरय, लेपर्ड, स्नेक, मंकी, मगरमच्छ, बर्ड जैसे वन्य प्राणि और पक्षी देखने को मिलते हैं। (Management has made this masterplan)