
छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति को 16% आरक्षण प्रदान किया जाता रहा है. किंतु वर्तमान में आरक्षण 12% ही कर दिया गया है. इससे काग्रेस पार्टी की सरकार पर अनुसूचित जाति वर्ग मे आक्रोश है. अनुसूचित जाति वर्ग आरक्षण को पूर्व प्राप्त 16% पर यथावत रखने प्रयासरत है. इसी के तहत आज 29 नवंबर को नैन दास इस्मृति स्थल बलौदा बाजार में अनुसूचित जाति वर्ग के समस्त समाजों की एक संयुक्त बैठक की गई. जिसमें सभी समाज ने वर्तमान की सरकार द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के आरक्षण में किए गए कटौती पर रोष व्यक्त किया.
Movement started in Bhatapara- अनुसूचित जाति के अधिकारों पर किए जा रहे कुठाराघात के आक्रोश से यह वर्ग बलौदा बाजार भाटापारामें आंदोलन की ओर अग्रसर हुआ है. आज दिनांक 29 नवंबर को नैन दास इस्मृति स्थलभवन में अनुसूचित जाति वर्ग के समस्त समाज प्रमुखो ने इकट्ठा होकर सरकार से यह अपील की है की आगामी विशेष सत्र में अनुसूचित जाति का आरक्षण पूर्ववर्ती सरकारों के अनुरूप 16% यथावत रखने विधेयक लाए. इस संबंध में एक ज्ञापन आज जिला कलेक्टर के माध्यम से महामहिम राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री महोदय को प्रेषित किया गया. जिसमें प्रबलता से मांग रखी गई की अनुसूचित जाति के आरक्षण के प्रतिशत में 16% आरक्षण को यथावत रखा जाए तथा उन्हें पदोन्नति में आरक्षण प्रदान किया जाए.
Movement started in Bhatapara-शासकीय सेवाओं में 16% आरक्षण देकर अनुसूचित जाति वर्ग का कोटा पूरा किया जाए. शासन की महत्वाकांक्षी शैक्षणिक योजना आत्मानंद मे 16% आरक्षण प्रदान कर अनुसूचित जाति वर्ग की भर्ती की जाए. साथ ही बैकलॉग पदों की भर्ती की जाए. उक्त मांगों के समर्थन में अनुसूचित जाति वर्ग के सैकड़ो लोगों ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. मीडिया के माध्यम से शासन-प्रशासन मे अनुसूचित जाति वर्ग के आक्रोश को व्यक्त करने 30 नवंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस तथा 1 दिसंबर को विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन किया जाना निर्धारित किया गया है. आज अनुसूचित जाति वर्ग के समाजों के सैकड़ों प्रतिनिधियों ने उपस्थित होकर आगामी आंदोलन की रूपरेखा निर्धारित की.