क्सपर्ट्स से जानिए रोजाना कितनी मात्रा में खाएं, सर्दियों में घी या मक्खन में क्या है ज्यादा फायदेमंद…

घी और मक्खन : घी और मक्खन का इस्तेमाल भारतीय घरों में सदियों से होता आ रहा है. हेल्थ के लिए बेस्ट घी और बटर खासकर उत्तरी भारत में खूब खाया जाता है. इन दोनों में सैचुरेटेड फैट पाया जाता है, जिन्हें सीमित मात्रा में अगर डाइट में शामिल किया जाए तो हार्मोन प्रोडक्शन और सेल निर्माण में बाहद फायदेमंद हैं. लेकिन जो लोग मोटापे या कोलेस्ट्रॉल का शिकार उन्हें घी और मक्खन से दूरी बनाने को कही जाती है या फिर कम ही खाने की सलाह दी जाती है.बहरहाल, सर्दियों से सीजन में ज्यादातर लोग घी और बटर को खाना शुरू कर देते हैं. बात करें यंग जेनेरेशन की तो कुछ लोग घी ज्यादा पसंद करते हैं तो वहीं कुछ लोग बटर खाना पसंद करते हैं. लेकिन आखिर हमारी हेल्थ के लिहाज से घी या मक्शन इनमें से क्या बेहतर है? इसको लेकर हमने से सेलेब्रिटी न्यूट्रीशियनिस्ट-लेखक कविता देवगन और क्लीनिकल डायटीशियन गरिमा गोयल से बात की. आइए जानते हैं कि क्या कहते हैं.
सेलेब्रिटी न्यूट्रीशियनिस्ट कविता देवगन का कहना है कि सर्दियों में घी और मक्खन दोनों ही हेल्थ के लिए फायदेमंद हो सकते हैं लेकिन सीमित मात्रा में ही. न्यूट्रीशियनिस्ट कविता बताती हैं कि दोनों में ही हेल्दी फैट्स पाए जाते हैं, जो शरीर को हेल्दी रखने में मददगार होते हैं. भारत में घी का उपयोग सभी प्रकार की करी, दाल और हलवा पकाने के लिए किया जाता है.
क्लीनिकल डायटीशियन गरिमा गोयल का कहना है कि मक्खन और घी दोनों ही एक डेयरी उत्पाद है. मक्खन की तुलना में घी का स्मोकिंग प्वाइंट ज्यादा होता है, जो हाई टेंपरेचर वाली कुकिंग के लिए परफेक्ट है. सर्दियों में घी का यही गुण सर्दियों में फायदेमंद हो सकता है. इसके अलावा, घी में दूध के सॉलिड चीजें नहीं होने के कारण खासकर ये उन लोगों के लिए बेहतर हो सकता है, जिन्हें लैक्टोज इंटोलरेंस या डेयरी प्रोडक्ट्स से दिक्कत है.
सर्दियों में कितना खाएं :
न्यूट्रीशियनिस्ट कविता कहती हैं कि सर्दियों के सीजन में 3 से 6 छोटे चम्मच घी या मक्खन को खाया जा सकता है. हालांकि, आप किसी हेल्थ प्रॉब्लम्स से जूझ रहे हैं तो इसे खाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें. मक्खन या घी दोनों ही सर्दियों में खाए जा सकते हैं लेकिन ये किसी इंसान की हेल्थ और डाइट से जुड़ी चीजों पर निर्भर है. हालांकि, इन्हें सीमित मात्रा में ही खाना ठीक रहेगा.