
बीजापुर में को सहायक आयुक्त बीजापुर द्वारा आदिवासी कर्मचारियों के साथ की गई अभद्र व्यवहार की जांच कर तत्काल कार्रवाई करने की मांग भैरमगढ़ जनपद पंचायत उपाध्यक्ष व आदिवासी समाज के सदस्य श्री सहदेव नेगी ने की है।
आपको बता दें कि बीजापुर जिला के आश्रमों,व छात्रावासों के अधीक्षकों की समीक्षा बैठक के दौरान आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त द्वारा आदिवासी अधीक्षक सहित अन्य अधीक्षकों को जातिसूचक गाली-गलौच व आदिवासियों की तुलना जानवर से करने तथा चोर चमार व अन्य अपशब्दों का प्रयोग कर महिलाओं को भी बैठक में जलील किया गया जो कि निंदनीय है । इस तरह किसी अधिकारी द्वारा व्यवहार किया जाना अनुचित है।
इन सभी बातों को लेकर भैरमगढ़ जनपद पंचायत उपाध्यक्ष सहदेव नेगी ने कहा कि यदि आदिवासी क्षेत्र बस्तर में नौकरी करने वाले शासकीय सेवक आदिवासी लोगों को इस तरह कहे तो यह गंभीर विषय है। ऐसे अधिकारियों के उपर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए है।
जिस आदिवासी क्षेत्र में इन अधिकारी का जीवन यापन हो रहा है वहां के लोगों के साथ इस तरह द्वेष भावना रखना कहां तक उचित है ? ऐसे दुर्भावना से ग्रसित शासकीय सेवक के रहते वास्तव में बस्तर का विकास संभव नहीं है, जिस अधिकारी को बात करने की तमीज ना हो उससे अच्छा प्रशासनिक कार्य की उम्मीद कैसे किया जा सकता है?
वहीं उपाध्यक्ष नेगी ने कहा कि यदि उनके मातहत कर्मचारी अपने कार्य में लापरवाही बरतते हैं तो निश्चित रूप से सहायक आयुक्त को विभागीय कार्रवाई करने का अधिकार है। किन्तु समाज को कोढ़ और कीड़े हो जाए कहना उनकी पूर्वाग्रह से ग्रसित ओछी मानसिकता को दर्शाता है।
किसी भी महिला या मां के खून को गंदा कहना कतई क्षम्य नहीं होगा । शासकीय बैठक में आदिवासी कर्मचारियों के साथ ऐसा व्यवहार किया जाना निश्चित रूप से जातिगत भेदभाव को दर्शाता है ऐसे अधिकारियों पर तत्काल कार्यवाही करें। इधर पूरे के आदिवासियों ने भी बीजापुर जिले के सहायक आयुक्त के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रही है।
बीजापुर,व सुकमा के सर्व आदिवासी समाज द्वारा शासन से मांग करता है कि उक्त अधिकारी के खिलाफ महिलाओं प्रताड़ना व एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर तत्काल कड़ी से कड़ी कार्यवाही करें अन्यथा पूरे जिला में उग्र आंदोलन किया जावेगा।*