
गरियाबंद:- प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली गुरु पूर्णिमा पर श्रीं दिव्य चंकेश्वरी धाम ( गुरुसत्ता आध्यात्मिक संस्थान ) व शान्तिधाम साधक कल्याण समिति छत्तीसगढ़ राजिम के तत्वाधान व पूज्य गुरूजी *डॉ आनंद मतावले जी* के सानिध्य मे साधक / शिष्यों कि उपस्तिथि मे दिनांक 2 व 3 जुलाई को गुरुदर्शन अमृत आनंद महोत्सव के रूप मे *धर्म नगरी राजिम ( मेला ग्राउंड के सामने ठेठवार यादव सामाज धर्मशाला राजिम नगर )* मे हरसोउल्लास के साथ मनाया गया!
इस अवसर पर पूज्य गुरूजी साधको को आशीर्वाचन के रूप मे सम्बोधित करते हुए कहा कि जीवन मे गुरु का मिलना सैभाग्य है औऱ साधना मार्ग तलवार के धार मे चलने के सामान है, गुरु पूर्णिमा के पूर्व संध्या गुरु पादुका स्थपना, दीप प्रज्वलित कर गुरु पूजन के सुभारम्भ हुआ, गुरूजी द्वारा गुरु पूर्णिमा पर प्रकाश डालते हुए साधको को प्राण संस्कार मन्त्र प्रदान किया व कहा कि बिना संस्कार के साधना मे सफलता नहीं मिलती इसके लिए आवश्यक है कि समर्पण… तत्पश्चात गुरु आरती संपन्न किया गया, जय गुरुदेव के नारों से कार्यक्रम स्थल मे गूँजता रहा!
गुरु पूर्णिमा के दिन प्रातः गुरु पादुका पूजन सोडसोपचार पूजन, गुरु पादुका पंचक के साथ साथ साधको द्वारा किया गया, द्वितीय सत्र मे पूज्य गुरूजी द्वारा साधनात्मक मार्गदर्शन के साथ पाप दोष शमन मन्त्र के साथ रक्षा कवच प्रदान किया औऱ गुरु तत्व जागरण हेतु मन्त्र साधना प्रयोग बताते हुए गुरु आत्म एक्य धारण प्रयोग ( गुरु प्राणशचेतना मन्त्र ) कराया गया, उपस्थित साधको ने व्यक्तिगत रूप से भेट कर अपनी जीवन के जटिल समस्यायों को अवगत कराते हुए गुरूजी से मार्गदर्शन प्राप्त किया!!
तृतीय व अंतिम सत्र मे विशिष्ट गुरु पूजन, तंत्रोक्त गुरुपूजन मन्त्र दीक्षा आदि संपन्न कराये गये! फिर हुआ साधको का मिलन, भजनो के सुरु ताल मे पूर्ण रूप से थिरकते हिये गुरुदर्शन के साथ वास्तव मे अमृत आनंद महोत्सव ही था, पुरे कार्यक्रम के दौरान जय गुरुदेव का गगनभेदी नारा का जय घोष होते रहा!