Jio का लोगो लगाकर आटा बेच रही थी ये कंपनी, ट्रेडमार्क के दुरुपयोग के मामले में चार की गिरफ्तारी
सूरत पुलिस ने रिलायंस Jio के ट्रेडमार्क का गलत इस्तेमाल करने के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपी जियो ट्रेडमार्क का गैरकानूनी इस्तेमाल, गेंहू का आटा बेचने के लिए करते थे. पुलिस ने बुधवार को मिली एक शिकायत के आधार पर सूरत शहर से यह गिरफ्तारियां की हैं. सूरत के ‘सचिन पुलिस स्टेशन’ में Jio ब्रांड नाम और उसके लोगो का उपयोग करके गेहूं का आटा बेचने के मामले में राधाकृष्ण ट्रेडिंग कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है.
सूरत (जोन 3) की पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) विधी चौधरी ने बताया कि मामला ट्रेडमार्क अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा, “रिलायंस जियो ने सूरत के सचिन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है कि राम कृष्ण ट्रेडलिंक नाम की कंपनी जियो ट्रेडमार्क का उपयोग करके गेहूं का आटा बेच रही है. वहीं डीसीपी ने बताया कि “शिकायत के आधार पर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
‘जियो डाटा के बाद जियो का आटा’
पुलिस से की गई शिकायत के अनुसार, 8 जनवरी को एक राष्ट्रीय समाचार चैनल पर एक खबर दिखाई गई थी, जिसकी हेडलाइन थी ‘जियो डाटा के बाद जियो का आटा’ तफ्तीश में पता चला कि सूरत की राधाकृष्ण ट्रेडिंग कंपनी अपनी आटे की बोरियों पर जियो का लोगो लगाकर आटा बेच रही थी. जियो लोगो के गैरकानूनी इस्तेमाल पर रिलायंस जियो ने सूरत पुलिस आयुक्त से इस बाबत पूछताछ करने का आग्रह किया था.
नए कृषि कानूनों पर रिलायंस जियो लगातार निशाने पर है. पंजाब में जियो के टावरों पर हमला भी हुआ था. सोशल मीडिया पर भी रिलायंस जियो को लेकर कई तरह की अफवाहें फैलती रही हैं. सूरत के राम कृष्ण ट्रेडलिंक कंपनी के आटे की बोरियों को दिखा कर उन्हें जियो का बताया गया. जबकि रिलायंस यह साफ कर चुकी है कि उसका कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से कोई लेना देना नही है और न ही कंपनी किसानों से सीधे कोई खरीद करती है.
ट्रेडमार्क के दुरुपयोग में मामला दर्ज
शिकायत में आगे कहा गया है कि फर्म, राधाकृष्ण ट्रेडिंग कंपनी गेहूं के आटे के बैग पर जियो का लोगो छापते थे और बाजार में बेचते थे. जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज की जियो या कोई भी अन्य कंपनी किसी भी तरह के कृषि उपज का हिस्सा नहीं है. इन सभी लोगों ने खुद के वित्तीय लाभ के लिए जियो के ट्रेडमार्क का दुरुपयोग किया है. इसलिए, इन सभी लोगों और कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई है. यह मामला ट्रेड मार्क अधिनियम 1999 के तहत एक दर्ज की है और आगे की जांच चल रही है.