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वन विभाग का आवर्ती चराई योजना चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट,आवर्ती चराई विकास क्षेत्र गौठान में पशुओं के लिए चारा व पानी की व्यवस्था नही

लखनपुर वन विभाग के द्वारा लाखों रुपए खर्च कर विकासखंड में 7 आवर्ती चराई विकास क्षेत्र गौठान का निर्माण कार्य कराया गया है। वन विभाग के लापरवाही से पंजीयन नहीं होने से वनांचल क्षेत्र के ग्रामों में पशुपालकों से गोबर की खरीदी नहीं की जा रही है। साथ ही आवर्ती चढ़ाई विकास क्षेत्र में पशुओं के लिए चारे और पानी का प्रबन्ध विभाग के द्वारा नहीं कराया गया है। जिसे लेकर गांव के पशुपालक चिंतित हैं।और आवर्ती चराई क्षेत्र गौठान का निर्माण होने उपरांत भी उन्हें इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। साथ ही देखरेख के अभाव में आवर्ती चढ़ाई विकास क्षेत्र के गठन का वजूद खतरे में नजर आ रहा है.(Recurring grazing)

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वन विभाग के द्वारा लखनपुर विकासखंड के ग्राम गुमगरा कला, गुमगरा खुर्द, केवरा, बंधा, लोसंगी, फैलपुर, जमदरा में लाखों रुपए खर्च करके आवर्ती चराई विकास क्षेत्र का गौठान का निर्माण कराया गया है। पंजीयन नहीं होने से ग्राम बन्धा , फैलपुर, जमदरा स्थित आवर्ती चराए विकास क्षेत्र का उठान में पशुपालकों से गोबर की खरीदी विभाग के द्वारा नहीं की जा रही है जिसे लेकर इस गांव के पशुपालक चिंतित है । विदित हो ग्राम जमदरा स्थित आवर्ती चराई विकास क्षेत्र का गौठान में वन विभाग के द्वारा बिना पंजीयन के ही 24 पशुपालकों से ₹162000 की गोबर खरीदी की गई थी। जिसके बाद पशुपालक गोबर का भुगतान पाने के लिए कार्यालय का चक्कर लगा रहे थे। समाचार प्रकाशित होने के उपरांत पशुपालकों को आधा अधूरा भुगतान किया गया।

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तो वही आज भी भुगतान के लिए पशुपालक भटक रहे है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के सरगुजा संभाग के दौरे को देखते हुए वन विभाग के द्वारा विगत 3 दिनों पूर्व पशुपालकों को भुगतान करने को लेकर फॉर्म भरा गया है। तो वही ग्राम लोसंगी में वन विभाग के द्वारा आवर्ती चरॉई विकास क्षेत्र गौठान में गोबर की खरीदी किसी अन्य जगह से किये जाने को लेकर शिविर में आधा दर्जन से अधिक स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा शिकायत कलेक्टर से की गईं। जिस पर सरगुजा कलेक्टर ने विभाग के एसडीओ व रेंजर को तलब करते हुए पशुपालकों की सूची मांगी परंतु वन विभाग के अधिकारियों द्वारा मौके पर सूची उपलब्ध नहीं कराई गई थी।

जबकि छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा है नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना से लोगों के जीवन में बदलाव और जीवन स्तर में सुधार लाने साथ ही क्षेत्र के ग्रामीणों को रोजगार के नए साधन उपलब्ध कराने तथा आर्थिक विकास में उन्नति सुनिश्चित हो सके परंतु वन विभाग के लापरवाही के कारण क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। अब देखने वाली बात होगी कि आने वाले समय में क्षेत्र के ग्रामीणों को आवर्ती चराई विकास क्षेत्र गौठानो से लाभ मिलेगा या नही। फिलहाल वन विभाग के आवर्ती चराई योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है।(Recurring grazing)

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