हॉकी (Hockey) पर बनी बॉलीवुड की फिल्म ‘चक दे इंडिया’ (Chak de India!) का एक फेमस डायलॉग है- ‘जो नहीं हो सकता, वही तो करना है.’ टोक्यो की एस्ट्रो टर्फ पर भी भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey Team) उसी ना को हां में बदलने में भिड़ी है. 49 साल बाद भारतीय हॉकी की मेंस टीम (India’s Men’s Hockey Team) ने ओलिंपिक के सेमीफाइनल का टिकट कटाया है, जहां अब उसका मुकाबला बेल्जियम (Belgium) से है. वो टीम जो वर्ल्ड नंबर दो है. अटैकिंग हॉकी खेलने के लिए विश्व विख्यात है. यकीन नहीं तो इस प्रमाण से समझिए. भारत के 8 गोल के मुकाबले टूर्नामेंट में उसके 29 गोल हैं. अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यूरोप की ये टीम भारतीय डिफेंडरों का कितना बड़ा टेस्ट लेने वाली है.
भारत ने क्वार्टर फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की की है. वहीं बेल्जियम ने स्पेन को शिकस्त दी है. टूर्नामेंट में देखा जाए तो दोनों टीमों ने दमदार खेल दिखाया है. ऐसे में फाइनल के टिकट के लिए इनके बीच होने वाला मुकाबला दिलचस्प रहने वाला है.
सेमीफाइनल मुकाबले से पहले अब जरा भारत और बेल्जियम की ताकत भी टटोल लीजिए. भारतीय हॉकी टीम ने 2019 में बेल्जियम का दौरा किया था. उस दौरे पर उसने सभी मुकाबले जीते थे. एक मैच में तो बेल्जियम को 5-1 से रौंद भी डाला था. पिछले 5 मैचों का रिकॉर्ड अगर देखेंगे तो भारत ने 4 मैच में विजय दर्ज की है. ये आंकड़े तो भारतीय खेल प्रेमियों के अंदर जीत की गुदगुदी करने वाले हैं. लेकिन दोनों टीमों के बीच ओलिंपिक में हुई आखिरी भिड़ंत को याद करेंगे तो उसमें बेल्जियम ने भारत को 3-1 से धोया है.
खैर, ये उतनी भी हैरान वाली बात नहीं है क्योंकि टोक्यो 2020 में भारतीय हॉकी अलग ही रंग में है. वो वही करती दिख रही है, जो देखने को नहीं मिला. उम्मीद है मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन और यूरोपियन चैंपियन बेल्जियम के खिलाफ हिंदुस्तान की हॉकी सिर चढ़कर बोलेगी.