महिलाएं कभी ना करें स्तनों में दिखे इन बदलाव को नजरअंदाज

महिलाओं के संवेदनशील अंगों की बात की जाए तो उसमें स्तनों का महत्वपूर्ण स्थान हैं। जब भी महिलाओं की जीवनशैली में कोई बदलाव होता हैं तो उसका असर उनके स्तनों पर जरूर पड़ता हैं। इसलिए महिलाओं को इसे स्वस्थ रखने के इनकी खास देखभाल भी करनी होती है। स्तनों में परिवर्तन होना किसी बीमारी का संकेत हो सकता हैं इसलिए इसे नजरअंदाज करना बड़ी गलती हो सकती हैं। कोई भी बीमारी उतनी जल्दी ठीक हो जाती है जितना जल्द उसके बारे में पता चलता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि स्तनों में किस तरह के बदलाव होना कौनसी बीमारी की ओर इशारा करता हैं ताकि समय रहते डॉक्टर से संपर्क किया जा सकें। आइये जानते हैं इसके बारे में… (ignore these changes)
स्तनों में दर्द होना स्तनों में दर्द, अधिकतर महिलाएं इस समस्या का सामना करती हैं। यह सबसे आम स्तन विकारों में से एक है। वैसे तो स्तनों में दर्द होना सामान्य भी हो सकता है, लेकिन अगर लंबे समय तक दर्द बना रहे तो डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करना चाहिए। क्योंकि लंबे समय तक स्तनों में दर्द होना स्तन कैंसर का एक लक्षण हो सकता है। कई महिलाओं को पीरियड्स के दौरान भी स्तनों में दर्द का सामना करना पड़ता है। फिजिकल टेस्ट के जरिए स्तनों में दर्द के कारण का पता लगाया जा सकता है। यह दर्द आपको एक स्तन या फिर दोनों स्तनों पर हो सकता है।
ब्रेस्ट के स्किन टेक्सचर में परिवर्तन ब्रेस्ट कैंसर की चपेट में आने पर आप अपने ब्रेस्ट के स्किन टेक्सचर या कहें स्तनों की त्वचा की बनावट में भी बदलाव देख सकते हैं। यह कैंसर कोशिकाओं के विकास के कारण होने वाली सूजन से होता है। इससे त्वचा के रंग में भी फर्क आ सकता है। आपके ब्रेस्ट की स्किन निप्पल और एरिओला के आसपास पपड़ीदार दिखने लग सकती है और यह कुछ हिस्सों में मोटी भी दिखाई दे सकती है। यहां तक कि स्तनों में एक्जिमा और डर्मेटाइटिस भी एक दुर्लभ प्रकार के स्तन कैंसर का संकेत हो सकता है। (ignore these changes)
ब्रेस्ट पर बाल उगना ब्रेस्ट या निप्पल पर बाल उगना
आपको सामान्य नहीं लग रहा होगा, लेकिन अधिकतर महिलाओं के साथ ऐसा होता है। निप्पल क्षेत्र के आस-पास भी काले और लंबे बालों का विकास होता है। यानी शरीर के अन्य हिस्सों की तरह ही स्तनों पर भी बाल उग सकते हैं। कई बाहर हॉर्मोनल परिवर्तनों की वजह से स्तनों पर बाल उगते हैं। तो प्यूबर्टी, प्रेगनेंसी, मेनोपॉज भी ब्रेस्ट पर बाल उगने का कारण हो सकते हैं। इसके अलावा ब्रेस्ट पर बाल उगना किसी बीमारी का भी संकेत होता है जैसे पीसीओएस (PCOS)। ब्रेस्ट पर घने बाल उगना पीसीओएस का लक्षण हो सकता है, इसे नजरअंदाज न करें।
लाल पड़ना और सूजन दिखना ब्रेस्ट
कैंसर में आपकी स्किन चोटिल और सूजी हुए दिखाई दे सकती है। स्किन लाल, बैंगनी या नीली दिखाई दे सकती है। यदि आप हाल ही में किसी भी दर्दनाक घटना से नहीं गुजरे हैं जो इन तरह के लक्षणों को मामूली न समझें और अपने डॉक्टर से परामर्श करें। चोट लगने के साथ-साथ स्तन में सूजन के लक्षण भी देखें। इस तरह के बदलाव के लिए भी खुद पर ध्यान देने की आवश्यकता है (ignore these changes)
स्तनों में गांठ
वैसे तो स्तनों में गांठ होना ब्रेस्ट कैंसर का एक मुख्य लक्षण होता है। इसलिए स्तनों में गांठ महसूस होने पर अकसर महिलाएं डर जाती हैं। लेकिन कई बार ब्रेस्ट मास को भी महिलाएं गांठ समझ बैठती हैं। पीरियड्स के दौरान यह मास रह सकता है। अगर आपको स्तन पर गांठ महसूस हो तो इस नजरअंदाज करने की भूल न करें। स्तनों पर उसके आस-पास गांठ दिखते ही तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें।
निप्पल का पीछे हटना या उलटा होना
स्तन कैंसर आपके निपल्स की कोशिकाओं में परिवर्तन का कारण बन सकता है जिससे वे अंदर की ओर उलटे हो सकते हैं। निप्पल में परिवर्तन अक्सर ओव्यूलेशन के दौरान और कभी-कभी मासिक धर्म के बीच भी दिखाई देता है। अगर आपको ऐसा कोई बदलाव दिखाई दे तो अपने डॉक्टर से सलाह लें। (ignore these changes)
निप्पल के साइज में परिवर्तन
अगर आपका निप्पल साइज में लगातार परिवर्तन हो रहा है, तो इस लक्षण को इग्नोर न करें। वैसे तो निप्पल का साइज बढ़ना या छोटा होना सामान्य होता है लेकिन फिर भी डॉक्टर से कंसल्ट जरूर कर लेना चाहिए। निप्पल का साइज उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता है। इसके साथ ही ठंड लगने, उत्तेजना बढ़ने पर भी निप्पल का साइज बढ़ सकता है। वही अगर निप्पल का साइज छोटा होता है तो इस स्थिति में स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
निप्पल डिस्चार्ज
निप्पल डिस्चार्ज की समस्या का सामना अधिकतर महिलाओं को करना पड़ता है। निप्पल डिस्चार्ज होना सामान्य से लेकर गंभीर हो सकता है। कुछ महिलाओं में निप्पल डिस्चार्ज होना माइल्ड स्तन रोग, तो कुछ महिलाओं में यह स्तन कैंसर का कारण बन सकती है। अगर आपके निप्पल से सफेद, पीला या गहरा डिस्चार्ज हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। इस संकेत को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें।(ignore these changes)