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RAIPUR: गनशूट डिटेक्शन सिस्टम अब बताएगा कहा से चली गोली, पुलिस सिस्टम होगा हाईटेक, पढ़े पूरी खबर…

रायपुर: छत्तीसगढ़ पुलिस chhattisgarh police के हाथों में अब जल्द ही एक्यूस्टिक गनशूट डिटेक्शन सिस्टम होगा। यह एक ऐसा सिस्टम है, जिससे यह जानकारी तुरंत मिल जाती है कि किस बंदूक, पिस्टल से गोली चली और किस दिशा से चली। कितनी दूरी से गोली चली। एक बंदूक से चली या अलग -अलग से। यह सारी जानकारी गोलीबारी की घटनाओं की जांच के लिए कानूनी कार्यवाही में फोरेंसिक साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल की जाएगी। राज्य पुलिस मुख्यालय ने इस सिस्टम की खरीदी के लिए टेंडर जारी किया है।

पुलिस मुख्यालय की एसआईबी शाखा SIB BRANCH ने खरीदी के लिए टेंडर जारी किया है। यह टेंडर 12 एक्युस्टिक गनशॉट डिटेक्शन सिस्टम (जीडीएस) की खरीदी के लिए है। इस संबंध में 25 अक्टूबर तक टेंडर लिए जाएंगे। बताया गया है कि यह सिस्टम गोलीबारी की घटनाओं के संबंध में त्वरित जानकारी हासिल करने और अपराधियों की पहचान करने में मदद करता है। इससे गोलीबारी firing की घटनाओं में कमी आने की संभावना है। इसके साथ ही पुलिस को जल्द से जल्द मामलों की जांच करने की सुविधा भी मिलेगी।

इस तरह का सिस्टम खरीदा जाएगा
पुलिस मुख्यालय ने इस खरीदी के लिए जो टेंडर जारी किया है उसमें जीडीएस के स्पेसीफिकेशन के संबंध में बताया गय है कि यह पोर्टेबल सिस्टम मैन कैरीएबल होना चाहिए। इससे 400 मीटर 400 miter दूर से आने वाली गोली का भी पता लगना चाहिए। डिटेक्शन कवरेज 360 डिग् अजीमुथल होना चाहिए। किसी मैनुअल सेटिंग की आवश्यकता नहीं होन चाहिए। एआई के साथ 3.5 इंच का रंगीन टीएफटी डिस्प्ले होना चाहिए। READ ALSO :Chhattisgarh: Boyfriend से मिलने पहुंची 21 वर्ष की युवती, Boyfriend उतारा मौत के घाट, पढ़े पूरी खबर…

गोलीबारी की दिशा और हथियार की पहचान भी
इस सिस्टम के संबंध के उपलब्ध जानकारी के मुताबिक इससे एक बड़े क्षेत्र में कुछ फीट की दूरी से गोलियों की आवाज का पता लगा सकता है। जीडीएस GDS का उपयोग कानून प्रवर्तन सुरक्षा, सेना, सरकारी कार्यालयों, स्कूलों और व्यवसायों द्वारा किया जाता है। वे गोलीबारी firing के स्रोत, गोलीबारी की दिशा तथा प्रयुक्त हथियार के प्रकार की पहचान कर सकते हैं। कुछ प्रणालियां यह भी पता लगा सकती हैं कि क्या एक से अधिक बंदूक का इस्तेमाल किया गया था या बंदूक स्वचालित थी। जीडीएस को आउटडो या इनडोर उपयोग के लिए पैक किया जा सकता है। READ ALSO :CG: महिला चोर अपनाये चोरी करने का नया तरीका, गहने- जेवर साफ़ कर चमकाने का झांसा देकर, लाखों के जेवरात लेकर फरार…

ऐसे काम करता है ये सिस्टम
बताया गया है कि यह सिस्टम गोलीबारी का पता लगाने के लिए ध्वनिक, कंपन, ऑप्टिकल या अन्य सेंसर का उपयोग करता है। इसमें सेंसरों की एक श्रृंखला एक प्रोसेसिंग यूनिट और एक उपयोगकर्ता इंटरफेस शामिल है। गोलीबारी firing की घटनाओं की सूचना अधिकारियों को वास्तविक समय में देता है। कानूनी कार्यवाही में फोरेंसिक साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। READ ALSO :Chhattisgarh: सीएम विष्णुदेव साय के नाम कलेक्टर के माध्यम से पत्रकारो ने सौंंपा ज्ञापन…

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