किन्नररों से जुड़ा एक बड़ा खुलासा, लम्बे समय तक क्यों जीते हैं किन्नर जानना चाओगे?

RJ NEWS – आमतौर पर किन्नर लंबी उम्र जीते हैं, ये हम नहीं कह रहे बल्कि दुनिया में किए कुछ शोधों का यही कहना है. और आप हैरान रह जाएंगे जब आपको पता लगेगा कि किन्नर एक औसत मनुष्य की तुलना में कितना ज्यादा जीते हैं.

कुछ समय पहले दक्षिण कोरिया में एक शोध हुआ. जिससे पता चला कि किन्नर सामान्य लोगों की तुलना में ज़्यादा दिनों तक जीवित रहते हैं.आमतौर पर किन्नरों की जिंदगी पर लोगों की ज्यादा निगाह नहीं गई है लेकिन ये उत्सुकता का सवाल तो हमेशा रहा है कि आखिर उनका जीवन कैसा होता है. वो किस तरह अपनी बांडिंग बनाते हैं. उनकी खुशी का क्या राज होता है.

शोधकर्ताओं ने कोरियाई प्रायद्वीप में सैंकड़ों सालों से रहने वाले किन्नरों के जीवन से जुड़े घरेलू दस्तावेज़ों का अध्ययन किया. इससे ये नतीजा निकला कि बधियाकरण के कारण किन्नर ज़्यादा दिनों तक ज़िंदा रहते हैं. इस शोध ने ये भी बताया कि दूसरे लोगों की तुलना में किन्नर करीब 20 साल ज़्यादा जीवित रहते हैं. आप हैरान होंगे लेकिन ये वैज्ञानिक तथ्य है कि पुरुषों का हार्मोन उनकी उम्र को कम कर देता है.

हर संस्कृति और सभ्यता में किन्नरों का एक अहम रोल होता है. वे कुछ विशेष काम करते हैं. जैसे हरम या जनानख़ाने की रखवाली करना किन्नरों की ख़ास ज़िम्मेदारी होती थी. हरम यानी वो जगह जहां शाही घराने की महिलाएं रहतीं थीं. शोधकर्ताओं के अनुसार अगर बचपन की शुरुआत में ही बालकों के अंडकोष को काट दिया जाए तो उससे उनका विकास बाधित होता है और वे बालक कभी भी पूरी तरह से पुरुष नहीं बन पाते.

इस शोध से जुड़े एक वैज्ञानिक डॉक्टर शीयोल कू ली ने बताया था, ”कोरिया में रहने वाले किन्नरों के बारे में शोध से पता चला कि उनमें महिलाओं जैसे कुछ लक्षण पाए जाते थे जैसे उन्हें मूंछें नहीं होतीं थीं, उनके नितम्ब और छाती बहुत बड़े होते थे और उनकी आवाज़ काफी भारी होती थी.” कोरिया में भी शाही दरबार में किन्नर काम करते थे. हमारे देश में मुगलों के जमाने में भी किन्नरों को दरबार से लेकर रनिवास तक नौकरियां दी जाती थीं. उनकी भूमिका खास होती थी.

कोरिया में किन्नरों का जन्म सन् 1556 से लेकर सन् 1861 के बीच हुआ था. उन किन्नरों की औसत आयु 70 वर्ष थी और उनमें से तीन तो 100 साल से भी ज़्यादा दिनों तक जिंदा रहे थे.भारत में किन्नरों के उम्र को लेकर कोई शोध उपलब्ध नहीं है लेकिन वर्ष 2011 की जनगणना से उन्हें शामिल करना शुरू किया गया. देशभर में उनकी तादाद तब 05 लाख के आसपास पाई गई.

कोरिया में किन्नरों की तुलना में कुलीन घरानों के पुरुषों की औसत उम्र 50 से थोड़ी ज़्यादा थी जबकि शाही घरानों के पुरुषों की औसत उम्र तो केवल 45 वर्ष थी. उस समय की महिलाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं है जिससे उनकी तुलना किन्नरों से की जा सके.लगभग सभी समाज में महिलाओं की उम्र पुरूषों के मुक़ाबले ज़्यादा होती है. लेकिन अभी तक इसका कोई स्पष्ट कारण पता नहीं चल सका है. एक राय यह है कि ऐसा पुरूषों में पाए जाने वाले हार्मोन टेस्टोस्टरोन के कारण होता है.

ब्रिटेन में ‘बुढ़ापे’ पर शोध करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरिया में किया गया ये शोध बहुत रोचक है लेकिन किन्नरों की लंबी आयु की एक वजह उनके जीवन यापन का तरीक़ा भी हो सकता है.