श्रीलंका की आर्थिक हलात दिन ब दिन खराब होती जा रही है। हालात खराब होने के बाद लोग सड़कों पर उतर आए हैं। वहीं, देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने भी इस्तीफा दे दिया है। साथ ही स्पीकर से सर्वदलीय सरकार बनाने और नया प्रधानमंत्री चुनने की प्रक्रिया सुरु करने का आग्रह किया है। प्रदर्शनकारियों का गुस्सा शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा है। हालात को देखते हुए 12 से 14 जुलाई तक राजधानी कोलंबो में कर्फ्यू लगा दिया गया है.(Govt imposes curfew till July 15 in Colombo)
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Govt imposes curfew मिली जानकारी के अनुसार सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) को कार्यवाहक राष्ट्रपति मानने से इनकार कर दिया है। इस बैठक में कई सांसदों ने गुरुवार को विशेष सत्र बुलाने की मांग की और स्पीकर से कहा गया कि वह तत्काल प्रभाव से रानिल विक्रमसिंघे को पद से बर्खास्त करें.
उधर, पीएम आवास के बाहर विरोध-प्रदर्शन कर रहे एक युवक की जान चली गई है। बताया रहा है कि पुलिस द्वारा आंसू गैस (Tear Gas) का इस्तेमाल करने पर युवक को सांस लेने में दिक्कत हुई, जिसके बाद उसकी मौत हो गई.(Govt imposes curfew till July 15 in Colombo)
दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कार्यवाहक राष्ट्रपति बनते ही सेना और पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए खुली छूट दे दी। इस बीच कोलंबो में उनके कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों का हुजूम इकट्ठा हो गया। सेना ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। इसमें दम घुटने से एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई.