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राज्य सरकार ने ‘सेवा ही कर्म-सेवा ही धर्म के ध्येय को अपनाते हुए हर क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में कार्य किए: मुख्यमंत्री

जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार की नीतियों व फैसलों से राज्य में निवेश अनुकूल माहौल बना है और ‘इन्वेस्ट राजस्थान’ के 55 प्रतिशत समझौते (एमओयू) साकार हुए हैं। यहां एक कार्यक्रम में गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने ‘सेवा ही कर्म-सेवा ही धर्म के ध्येय’ को अपनाते हुए हर क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए संकल्पित राज्य सरकार की नीतियों और फैसलों से राजस्थान में निवेश अनुकूल माहौल बना जिससे अंतरराष्ट्रीय निवेशकों ने सबसे ज्यादा निवेश किया है।

उन्होंने कहा कि ‘इन्वेस्ट राजस्थान’ में हुए लगभग 11 लाख करोड़ रुपये के समझौतों (एमओयू व एलओआई) में से करीब 55 प्रतिशत धरातल पर आगे बढ़े हैं। यह राज्य के उज्ज्वल भविष्य के शुभ संकेत है। गहलोत ने जैन इंटरनेशनल ट्रेड आॅर्गेनाइजेशन (जीतो) के कार्यक्रम में कहा कि कुशल वित्तीय प्रबंधन से शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, रोजगार एवं आधारभूत संरचना के विकास सहित विभिन्न क्षेत्रों में राजस्थान देश का ‘मॉडल स्टेट’ (आदर्श राज्य)बन गया है।

उन्होंने कहा कि इसी आधार पर 11.04 प्रतिशत विकास दर के साथ राजस्थान उत्तर भारत में प्रथम और देश में दूसरे स्थान पर रहा। यही हमारी सोच और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) नीति के तहत दी गई रियायतों से 16,000 से अधिक औद्योगिक इकाइयां स्थापित हो चुकी हैं। पांच साल तक किसी भी सरकारी स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होने के प्रावधान से छोटी-छोटी इकाइयां बढ़ी हैं।

गहलोत ने कहा कि ‘‘हमारे प्रयासों का ही नतीजा रहा है कि पांच साल राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) छह लाख करोड़ रुपये बढ़ी है। यह इस वित्तीय वर्ष तक 15 लाख करोड़ रुपये की हो जाएगी। वर्ष 2030 तक इसे 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।’’

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