रायपुर: शासकीय दू. ब. महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय को प्रतिष्ठित विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा नवाचार और उत्कृष्टता के लिए विश्वविद्यालय अनुसंधान के समेकन (CURIE) परियोजना से सम्मानित किया गया है। जिसके तहत एक करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इस परियोजना की स्वीकृति के साथ शासकीय दू. ब. महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय छत्तीसगढ़ का CURIE परियोजना के तहत एक करोड़ रुपये से अधिक राशि प्राप्त करने वाला इकलौता महाविद्यालय होने का श्रेय प्राप्त कर चुका है।
डीएसटी क्यूरी परियोजना द्वारा प्रदत्त इस एक करोड़ रुपये की राशि का उपयोग महाविद्यालय विकास, अनुसंधान, नवाचार, आधुनिक प्रयोगशालाओं की स्थापना, बुनियादी ढांचे के उन्नयन, अत्याधुनिक उपकरणों की खरीदी तथा अनुसंधान परियोजनाओं हेतु छात्राओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु किया जाएगा।
वर्ष 1958 में स्थापित शासकीय दू. ब. महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, शिक्षा के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने हेतु प्रतिबद्ध है। कन्याओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने में सक्षम बनाने के एक महान दृष्टिकोण के साथ स्थापित इस महाविद्यालय ने शिक्षा, अनुसंधान और समग्र विकास में उत्कृष्टता के लिए लगातार मानक स्थापित किए हैं।
डीएसटी क्यूरी परियोजना, भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की एक अग्रणी पहल है जिसका उद्देश्य विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना है। यह परियोजना वैज्ञानिक और तकनीकी चुनौतियों से निपटने के लिए शैक्षणिक संस्थानों को अनुसंधान क्षमताओं और बुनियादी ढांचे को विकसित करने और बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करती है।
यह वित्तीय सहायता महाविद्यालय को महत्वाकांक्षी अनुसंधान परियोजनाएं शुरू करने, आधुनिक उपकरण खरीदने और छात्रों और शिक्षकों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करने में सक्षम बनाएगी, जिससे वैज्ञानिक शोध एवं अनुसंधान के लिए एक संपन्न केंद्र के रूप में विकसित होगा। प्राचार्य डॉ. किरण गजपाल एक कुशल शिक्षाविद् है, उनके कुशल नेतृत्व में, डीबी गर्ल्स पीजी कॉलेज ने शैक्षणिक उपलब्धियों और बुनियादी ढांचे के विकास में उल्लेखनीय विकास किया है।
प्राचार्य ने DST-CURIE परियोजना स्वीकृत होने पर आभार व्यक्त किया एवं कहा कि यह प्रतिष्ठित उपलब्धि समस्त महाविद्यालय के स्टाफ के अटूट समर्पण और कड़ी मेहनत के साथ-साथ हमारे छात्राओं के उत्साह और जिज्ञासा के परिणाम स्वरूप प्राप्त हुई है। यह पुरस्कार हमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम करेगा । किसी भी शैक्षणिक संस्थान की सफलता एक सहयोगात्मक प्रयास होता है । महाविद्यालय के शोधकर्ताओं और प्रशासनिक एवं कार्यालीन कर्मचारियों ने भी अकादमिक उत्कृष्टता और अनुसंधान प्रयासों को बढ़ावा देने वाला वातावरण बनाने के लिए लगातार अपना योगदान दिया है।
यह पुरस्कार अन्य शैक्षणिक संस्थानों, उद्योग भागीदारों के साथ सहयोग के अवसर भी खोलता है। अनुसंधान संगठन, अंतःविषय अनुसंधान और ज्ञान साझा करने के माहौल को बढ़ावा देने के लिए महाविद्यालय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान परियोजनाओं की एक श्रृंखला शुरू करने की तैयारी कर रहा है। ये परियोजनाएं छात्राओं को मूल्यवान व्यावहारिक अनुसंधान अनुभव और वास्तविक दुनिया की चुनौतियों पर काम करने का अवसर प्रदान करेंगी, जिससे वे शिक्षा, उद्योग और उद्यमिता में करियर के लिए तैयार होंगे।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैज्ञानिक प्रगति और महिलाओं के सशक्तिकरण की आपार संभावनाएं हैं। अतः महाविद्यालय एक करोड़ रुपये के इस अनुदान के साथ भविष्य में अग्रणी अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से स्थायी प्रभाव डालने और देश की प्रगति में योगदान देने के लिए तत्पर है।