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गोठान कीचड़ से सराबोर, सड़क पर बैठना पड़ रहा है मवेशियों को

मवेशियों का गोठान कीचड़ से सराबोर है। इस गांव से गुजरने वाले स्कूली छात्र-छात्राओं, शिक्षक, शासकीय कर्मचारियों, जतमई, घटारानी मंदिर के दर्शणार्थियों व अन्य राहगीरों को प्रतिदिन इन मुसीबतों का सामना करके ही इस राह से गुजरना एक मज़बूरी बन गई है। रजनकटा में सुराजी गांव योजना के अंतर्गत स्थापित गोठान निर्माण के लिए भूमि पूजन महिला सरपंच राजेश्वरी दीवान, ग्राम समिति अध्यक्ष टामन लाल साहू, उपाध्यक्ष दौलत राम निर्मलकर, ग्राम समिति के पदाधिकारी गणेश राम साहू, मोहन साहू, बाहर राम यादव, पंचगण टेकू राम निषाद, ईश्वर लाल निर्मलकर, छबि राम ध्रुव व समस्त ग्रामवासियों की उपस्थिति में किया जा चुका है जो कि आज तक नहीं बन पाया है। पांडुका। गोठान में नहीं रखने के कारण मवेशी इस तरह सड़क पर बैठे रहते हैं

आपको बता दे की ग्राम पंचायत रजनकटा के प्रवेश द्वार से लेकर पूरे 1 कि मी तक जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं, जिसमें पानी भर जाने से आने जाने वाले राहगीरों व पैदल चलने वालों को दिक्कतों का सामना कारना पड़ रहा है। पांडुका से जतमई मार्ग पर पड़ने वाला पहला गांव रजनकटा पड़ता है।इस गांव से होकर ही जतमई, घटारानी मंदिर सहित ग्राम अतरमरा, कुम्हरमरा, तौरेंगा, दीवना सहित आसपास के ग्रामीणों और राहगीरों के लिए आने जाने का आसान रास्ता है पर गांव की गलियों में उबड़-खाबड़ सड़क से परेशानी हो रही है।

वर्तमान पंचायती व्यवस्था महिला सरपंच के हाथों में है पर यहां भी विकास का डिंडोरा पीटने के अलावा कुछ कार्य नहीं है। हालांकि अंचल में बड़े नेताओं की कमी नहीं है पर वे भी गांव की सफाई, गांव के बीच से गुजरने वाली सीसी सड़क के गड्‌ढे और नल कनेक्शन के टूटे फूटे पाइप और गांव की गंदगी को साफ नहीं करवा पा रहे हैं। साथ ही अनचाहे ब्रेकर से राहगीर परेशान होते रहते है। इसी तरह मवेशियों को ग्राम के गोठान में नहीं बल्कि सड़क में बैठाया जाता है। मवेशियों का गोठान कीचड़ से सराबोर है।

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