
भिलाई के कैंप 2 सूर्या नगर बस्ती में शनिवार दोपहर अचानक आग लगने से 120 झुग्गी जलकर राख हो गई। जोन 2 कमिश्नर पूजा पिल्लई के मुताबिक इस घटना ने 160 परिवारों के 836 लोगों को बेघर कर दिया। रोज कमाने खाने वाले इन झुग्गी वासियों के सामने एक साथ रोटी, कपड़ा और मकान तीनों का संकट खड़ा हो गया है। यह आग कैसे लगी इसके बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा जा रहा है। इसलिए कलेक्टर डॉ. एसएन भुरे ने घटना की मजिस्ट्रियल जांच कराने की बात कही है। निगम, जिला प्रशासन ने बेघर हुए लोगों को शासकीय हाई स्कूल कैंप 2 में ठहराया है।
आग लगने से NH के बगल से बसा झुग्गियों का पूरा क्षेत्र मैदान में बदल गया है। पहले जहां लोगों के घर थे वहां ठेले, साइकिल, फल, सब्जी, कूलर व अन्य घरेलू सामान के अवशेष दिख रहे हैं। लोग कपड़े, पैसे, सामान कुछ भी नहीं निकाल सके। सब कुछ झुग्गी के अंदर ही स्वाहा हो गया। रोज कमाने खान वाले इन झुग्गी वासियों के सामने एक साथ रोटी, कपड़ा और मकान तीनों का संकट खड़ा हो गया है।
जिला प्रशासन और निगम प्रशासन के समझ में नहीं आ रहा है कि इनके व्यवस्थापन के लिए क्या किया जाए। निगम कमिश्नर प्रकाश सर्वे, महापौर, नीरज पाल, नीता लोधी, कांग्रेस जिला अध्यक्ष से लेकर कलेक्टर एसएन भुरे, एसएसपी बीएन मीणा सहित पूरा पुलिस महकमा दोपहर से देर रात तक घटना का मुआयना करता रहा। बस्ती वाले उग्र न हों इसके लिए पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था से लेकर उनके खाने पीने के इंतजाम किए गए हैं। देर रात निगम के अधिकारी स्कूल पहुंचे। सभी लोगों को कपड़े, साबुन, तेल व अन्य सामान की किट दी गई। व्यापारी संघ ने खाने की व्यवस्था की है।
पुनः व्यवस्थापन को लेकर जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी
जिस जगह पर यह झुग्गी बस्ती बसी थी वह अलग-अलग लोगों की रजिस्टर्ड जमीन थीं। निगम से पहले साडा के समय से मंडी में फल बेचने व काम करने वाले लोग यहां झुग्गी बनाकर रहते आए हैं। इनकी संख्या इतनी बड़ी थी इन्हें यहां से हटा पाना कठिन था। आगजनी की घटना के बाद वहां से पूरी झुग्गियां जल गई हैं। ऐसे में जिन लोगों की वहां जमीनें हैं वह लोग भी सक्रिय होने लगे हैं। साथ ही झुग्गी वालों को अब कहां बसाया जाएगा इस बारे में कोई जिम्मेदारी अधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नहीं है।
आग लगने की घटना से से बेघर हो चुके लोगों ने महापौर नीरज पाल से उन्हें फिर से उसी जगह पर व्यवस्थापित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि उन्हें बांस बल्ली और टाट पतली दिला दिया जाए तो वह लोग दोबारा वहां झुग्गी बना लेंगे। इस बारे में महापौर ने कुछ भी नहीं कहा। उन्होंने कहा कि पहले तात्कालिक व्यवस्था होने दीजिए, व्यवस्थापन के लिए कल कुछ तय करके बताया जाएगा। हालांकि झुग्गी वासियों का कहना है कि यदि उन्हें कहीं और बसाया गया तो वह लोग विरोध पर उतर जाएंगे।
आग लगने को लेकर अलग-अलग बातें
आग कैसे लगी इस बारे में अलग-अलग बातें कहीं जा रही हैं। कोई कह रहा है कि आग गैस सिलेंडर में लीकेज के चलते लगी है। कोई कह रहा है कि फलों को पकाने के लिए झुग्गी में कैल्शियम कार्बाइट रखा गया था उससे आग लगी है। वहीं कुछ लोगों का आरोप है कि उन्हें वहां से हटाने के लिए कुछ लोगों ने यह आग जानबूझ कर लगाई है। इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच होने के बाद अपने आप सच्चाई बाहर आ जाएगी।
गर्मी में बिलखते रहे मासूम
गर्मी में जली 120 झुग्गियों में 800 से भी अधिक लोग रहते थे। इनमें बड़ी संख्या छोटे-छोटे बच्चों की भी है। भीषण गर्मी में गर्म हवा फेंकते पंखे के नीचे इन बच्चों का बुरा हाल हो रहा था। बाद में निगम ने स्कूल में कूलर लगवाए जिससे कुछ राहत मिली। इन लोगों को पीने के पानी के लिए पानी के पाउच मंगवाए गए।