येरेवान: नागोर्नो-काराबाख में अलगाववादी प्राधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि एक गैस केंद्र पर विस्फोट में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और करीब 300 लोग घायल हो गए. घटना उस वक्त हुई जब क्षेत्र छोड़कर जा रहे वहां के निवासी अपनी कारों में ईंधन भरवाने के लिए कतार में खड़े थे.
पृथक क्षेत्र के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि क्षेत्र की राजधानी स्टेपानाकर्ट के बाहरी इलाके में स्थित गैस केंद्र पर सोमवार देर रात को हुए विस्फोट के बाद 13 शव मिले हैं और घायल सात लोगों ने दम तोड़ दिया है. स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि 290 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है.
क्षेत्र में तीन दशक तक अलगाववादियों का शासन रहा. पिछले सप्ताह अजरबैजान की सेना द्वारा अभियान चलाकर क्षेत्र पर पूर्ण दावा करने के बीच हजारों की तादाद में नागोर्नो-काराबाख निवासी पलायन कर आर्मेनिया पहुंच रहे हैं. इसी बीच विस्फोट की यह घटना हुई.
अजरबैजान की सेना ने पिछले हफ्ते 24 घंटे के हमले में आर्मेनिया की सेना को हरा दिया, जिससे अलगाववादी अधिकारियों को हथियार डालने पड़े और तीन दशकों के अलगाववादी शासन के बाद नागोर्नो-काराबाख के अजरबैजान में ”पुन: एकीकरण” पर बातचीत शुरू करने के लिए सहमत होना पड़ा.
अजरबैजान ने क्षेत्र में मूल आर्मेनियाई लोगों के अधिकारों का सम्मान करने की प्रतिबद्धता जतायी है और 10 महीने की नाकाबंदी के बाद आपूर्ति बहाल करने का वादा किया है, लेकिन कई स्थानीय निवासियों को डर है कि उन्हें प्रतिशोध का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे लोग आर्मेनिया से बाहर जाने की तैयारी कर रहे हैं.
आर्मेनिया की सरकार ने कहा कि सोमवार शाम तक 6,500 से अधिक नागोर्नो-काराबाख निवासी आर्मेनिया से पलायन कर चुके हैं. रूस ने कहा कि नागोर्नो-काराबाख में रूसी शांतिरक्षक पलायन में लोगों की मदद कर रहे हैं. सोमवार रात तक शांतिरक्षकों के शिविर में करीब 700 लोग थे. नागोर्नो-काराबाख 1994 में खत्म हुई अलगाववादी लड़ाई के बाद से ही जातीय आर्मेनियाई बलों के नियंत्रण में था जिसे आर्मेनियाई सेना का समर्थन प्राप्त था. अजरबैजान ने 2020 में पूर्व में आर्मेनिया के दावे वाले अपने आसपास के क्षेत्र को फिर से नियंत्रण में ले लिया था.