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CG Crime: दुर्ग में इंजीनियर ने बनाई फर्जी कंपनी, 17 हजार से ज्यादा नशीली गोलियां व सिरप बरामद, गिरफ्तार…

दुर्ग: दुर्ग जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक इंजीनियर ने दस्तावेजों में फेरबदल कर फर्जी कंपनी बनाकर नशे में इस्तेमाल की जाने वाली दवाइयों का कारोबार शुरू कर दिया। आरोपी वैभव खंडेलवाल (30), निवासी बंशी बिहार बोरसी, को पुलिस ने गिरफ्तार कर उसके पास से 17,208 नशीली गोलियां और 12 सिरप जब्त किए हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी खुद भी इन दवाइयों का सेवन करता था और युवाओं को सप्लाई कर भारी मुनाफा कमा रहा था। मामला मोहन नगर थाना क्षेत्र का है, जहाँ पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

फर्जी कंपनी का जाल

पुलिस के अनुसार, आरोपी वैभव खंडेलवाल ने इंटरनेट पर दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ कर साल 2022 में “वैभव फार्मा सिटीकल” नाम से फर्जी फर्म बनाई। फर्म के नाम से वैध जीएसटी नंबर भी हासिल कर लिया। इसके बाद उसने बिजनेस टू बिजनेस प्लेटफॉर्म इंडिया मार्ट पर सेलर के रूप में खुद को रजिस्टर कराया और दवा निर्माताओं से संपर्क कर नशे में इस्तेमाल होने वाली दवाइयाँ मंगानी शुरू कर दीं। भुगतान वह ई-अकाउंट के माध्यम से ऑनलाइन करता था और फिर इन्हें अपने नेटवर्क में बेचता था। आरोपी की बातों और व्यवहार से अन्य कंपनियाँ प्रभावित हो गईं और गुजरात, राजस्थान समेत कई राज्यों से उसे दवाइयाँ देने के लिए तैयार हो गईं। जांच में सामने आया है कि आरोपी ने नशे की दवाइयों का नेटवर्क छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों में भी फैलाया हुआ है। पुलिस अब उसके संपर्कों और सप्लाई चेन की गहराई से जांच कर रही है।

जप्त दवाइयों की सूची

पुलिस ने आरोपी के कब्जे से विभिन्न ब्रांड की नशीली गोलियाँ और सिरप बरामद किए हैं। इनमें जेबिस्कन सिरप, पिएंकोप्लस, अल्प्राजोलम, नाइट्रोटेन, निक्टर और नाइट्रेजपम जैसी दवाइयाँ शामिल हैं। कुल 17,208 गोलियाँ और 12 सिरप जब्त कर उन्हें सुरक्षित रखा गया है। आरोपी के पास से एक मोबाइल फोन भी मिला है, जिसमें लेन-देन और नेटवर्क से जुड़ी अहम जानकारी मिलने की संभावना है। मोबाइल डेटा, बैंक स्टेटमेंट और ई-बैंकिंग रिकॉर्ड पुलिस ने जब्त कर जांच में लिया है।

आरोपी का आपराधिक रिकॉर्ड

पुलिस के मुताबिक, वैभव खंडेलवाल का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है। इससे पहले भी इसी तरह का मामला सामने आया था, जिसमें राजस्थान में दबिश देकर प्रतिबंधित दवाइयाँ जब्त की गई थीं। उस मामले में भी वैभव मुख्य आरोपी पाया गया था। वर्तमान में आरोपी के खिलाफ अपराध क्रमांक 326/2025 दर्ज कर धारा 8, 22(ग), 27(क) एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। 17 सितंबर 2025 को आरोपी को गिरफ्तार कर सीजेएम कोर्ट दुर्ग में पेश किया गया।

मोहन नगर थाना की कार्रवाई

पुलिस अधीक्षकों के निर्देश पर विशेष टीम ने आरोपी के खिलाफ तफ्तीश की और उसके फ्लैट में छापा मारकर स्टॉक बरामद किया। आरोपी ने दवाइयों का स्टॉक अपने फ्लैट में जमा कर रखा था और वहीं से नशे के सौदागरों को सप्लाई कर रहा था। पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि वह खुद भी नशे की गोलियों का सेवन करता था। पुलिस अब उसके नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही है। कुछ नाम सामने आए हैं, जिन्हें सुरक्षा कारणों से अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।

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